ऑपरेशन सिंदूर के सफलतापूर्वक संचालन के बाद उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस संदर्भ में जिलों के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। अफसरों को 13 प्वाइंट्स में यह बताया गया है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। डीजीपी ने बताया कि भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों और राज्य के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिए गए निर्देशों के पालन को तत्काल प्रभाव से लागू करना अनिवार्य है।
डीजीपी के निर्देश:
महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा: अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी महत्वपूर्ण स्थलों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को और मजबूत करें। इसमें भौतिक सुरक्षा, निगरानी प्रणाली और परिधि सुरक्षा को सुदृढ़ करना शामिल है।
आंतरिक सुरक्षा अभ्यास: आंतरिक सुरक्षा योजना के तहत मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा गया है। इस दौरान उचित पूर्व ब्रीफिंग और बाद की डिब्रीफिंग की व्यवस्था की जाए, साथ ही सभी सुरक्षा इकाइयों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
पुलिस परिसरों और संसाधनों का ऑडिट: पुलिस लाइनों, डिपो, पुलिस यूनिट्स और नियंत्रण कक्षों को सुरक्षित करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस सर्वर, वेबसाइट और साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जाए।
महत्वपूर्ण स्थानों पर प्रवेश नियंत्रण: महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर प्रवेश नियंत्रण को सख्त किया जाए। पहचान पत्रों की जांच और सत्यापन सुनिश्चित किया जाए।
एजेंसियों के साथ समन्वय: सेना, वायुसेना, नागरिक सुरक्षा, खुफिया इकाइयों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी समन्वय की जिम्मेदारी लेंगे।
सामरिक आवागमन की व्यवस्था: सुरक्षा के मद्देनज़र महत्वपूर्ण इलाकों में सैन्य काफिलों, वायुसेना की आपूर्ति और रेलवे पुलों की सुरक्षा को मजबूत किया जाए। सभी मूवमेंट को गोपनीय रखा जाए।
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर सतर्कता: सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में बल की तैनाती बढ़ाने और आरक्षित बलों को त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार रखने का निर्देश दिया गया है।
प्रमुख सेवाओं की सुरक्षा: तेल पाइपलाइन, संचार टावर, जलापूर्ति प्रणालियाँ और विद्युत संयंत्रों की सुरक्षा को और मजबूत करने का निर्देश दिया गया है।
खुफिया जानकारी और सबोटाज की रोकथाम: संवेदनशील क्षेत्रों में खुफिया जानकारी और सबोटाज की घटनाओं पर सतर्क दृष्टि रखने की बात कही गई है। खुफिया तंत्र को सक्रिय किया जाए और समुचित सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
सोशल मीडिया की निगरानी: 24x7 सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए साइबर सेल को निर्देशित किया गया है। अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
नियंत्रण कक्ष और मोबाइल वाहन सतर्क: जिला नियंत्रण कक्षों को उच्च सतर्कता पर रखा जाए। आपातकालीन वाहनों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाए।
नेतृत्व और समन्वय: वरिष्ठ अधिकारियों को जिला प्रशासन, नागरिक सुरक्षा, सेना और वायुसेना के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। सभी कर्मियों को पुलिस युद्ध निर्देशों की जानकारी दी जाए।
हवाई अड्डा क्षेत्र की सुरक्षा: सभी हवाई अड्डों के funnel क्षेत्रों की जांच की जाए। हवाई सुरक्षा इकाइयों के साथ संयुक्त कार्यवाही की जाए।
भारत-नेपाल सीमा पर निरंतर चौकसी: भारत-नेपाल सीमा पर अन्य सुरक्षा बलों के साथ नियमित गश्त जारी रखी जाए और समन्वय स्थापित किया जाए।