जयपुर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर जयपुर मेट्रो फेज 1-सी के अधूरे पड़े कार्य को तुरंत पुनः शुरू कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना को रोके जाने से न केवल यात्री असुविधा झेल रहे हैं, बल्कि परियोजना की लागत भी लगातार बढ़ती जा रही है।
गहलोत ने पत्र में याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बजट वर्ष 2022-23 में जयपुर मेट्रो के फेज 1-सी (बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर) और फेज 1-डी (मानसरोवर से अजमेर रोड चौराहा) तक विस्तार की घोषणा की थी। इसके लिए बजट जारी कर कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया था।
फेज 1-सी: एक अधूरी मेट्रो लाइन
गहलोत के अनुसार, फेज 1-सी के तहत 2.85 किलोमीटर लंबा मेट्रो ट्रैक प्रस्तावित है, जिसमें से 2.26 किमी भूमिगत और 0.59 किमी एलिवेटेड है। यह कार्य अप्रैल 2027 तक पूरा होना था, लेकिन नवंबर 2024 के बाद से यह पूरी तरह से ठप पड़ा है।
इस देरी से यात्रियों को डायवर्जन की समस्या, सड़क जाम, और प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही सरकारी खजाने पर भी इसका असर पड़ रहा है, क्योंकि अधूरी परियोजनाओं की लागत समय के साथ कई गुना बढ़ जाती है।
मेट्रो से ट्रांसपोर्ट नगर तक सीधा कनेक्शन संभव
गहलोत ने कहा कि यदि यह मेट्रो लाइन समय पर बन जाती है तो जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित नए बस स्टैंड से मेट्रो की सीधी कनेक्टिविटी हो सकती है। इससे दिल्ली, आगरा, भरतपुर जैसे शहरों से आने-जाने वाले यात्रियों को भी लाभ होगा।
2011 में रखी थी मेट्रो की नींव
गहलोत ने यह भी उल्लेख किया कि जयपुर मेट्रो की नींव 2011 में कांग्रेस सरकार ने रखी थी और मात्र दो वर्षों में 9 किलोमीटर का कार्य पूर्ण कर लिया गया था। लेकिन 2013 में भाजपा सरकार के आने के बाद मेट्रो कार्य की गति धीमी कर दी गई, जिससे लागत में भारी इजाफा हुआ और आज तक अंबाबाड़ी से सीतापुरा तक की योजना अधूरी है।
ट्रैफिक और प्रदूषण से राहत की उम्मीद
पत्र के अंत में गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपील की कि आम जनता की सुविधा, शहर के बढ़ते ट्रैफिक दबाव, और प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए जयपुर मेट्रो फेज 1-सी का कार्य अविलंब पुनः प्रारंभ कराया जाए और मेट्रो नेटवर्क का विस्तार आगे भी किया जाए।