नई दिल्ली। तुर्की की प्रमुख एविएशन सर्विस कंपनी सेलेबी हवा सर्विसी ए.एस. (Çelebi Hava Servisi AS) ने भारत में अपने लाइसेंस और अनुबंधों को एकतरफा रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती देने के लिए सभी कानूनी और प्रशासनिक विकल्पों को आजमाने की घोषणा की है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करते हुए भारत द्वारा सीमा पार आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई की आलोचना की थी। इसके कुछ ही दिन बाद भारत सरकार ने सेलेबी की भारतीय इकाई की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी, जिससे उसकी ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाएं बंद हो गईं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र कार्रवाई
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने गुरुवार को सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का आदेश जारी किया था। आदेश में स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कारणों का हवाला दिया गया है। इसके बाद भारत में सेलेबी की कई सहयोगी कंपनियों के परिचालन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
इनमें प्रमुख इकाइयाँ शामिल हैं:
• Celebi Airport Services India Pvt Ltd (CASI)
• Celebi GH India Pvt Ltd (CGHI)
• Celebi Nas Airport Services India Pvt Ltd
• Celebi Delhi Cargo Terminal Management India Pvt Ltd
• Celebi GS Chennai Pvt Ltd (CGSC)
भारत में 15 वर्षों से अधिक समय से सक्रिय इस कंपनी के पास 10,000 से अधिक कर्मचारी हैं और यह दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद सहित 9 प्रमुख हवाई अड्डों पर सेवाएं दे रही थी।
लाइसेंस और अनुबंधों की असामयिक समाप्ति
शुक्रवार को तुर्की के स्टॉक एक्सचेंज में दायर रिपोर्ट के अनुसार, सेलेबी की भारतीय इकाइयों और हवाईअड्डा संचालकों के बीच हुए चार प्रमुख लाइसेंस और कंसेशन एग्रीमेंट को अकाल समाप्त कर दिया गया है।
• Celebi Delhi Cargo Terminal Management India Pvt Ltd और DIAL (दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) के बीच 2034 तक वैध समझौता रद्द कर दिया गया। इस परियोजना में सेलेबी की हिस्सेदारी 74% है।
• CGHI और अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (AIAL) के बीच 2032 तक वैध ग्राउंड हैंडलिंग समझौता भी समाप्त कर दिया गया।
• Celebi Nas और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) के बीच 2029 और 2036 तक वैध दो अलग-अलग अनुबंध भी रद्द कर दिए गए।
• CASI और DIAL के बीच 2030 तक वैध कंसेशन एग्रीमेंट भी रद्द किया गया है। CASI में सेलेबी की 99.9% हिस्सेदारी है।
इसके अलावा, CASI और कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CIAL), कन्नूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, और हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच हुए समझौतों को भी समाप्त कर दिया गया है। ये अनुबंध 2025 और 2029 तक वैध थे।
कंपनी का पक्ष: सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया
सेलेबी हवा सर्विसी ए.एस. ने स्पष्ट किया है कि उसकी किसी भी भारतीय इकाई ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा या किसी भी क़ानूनी प्रावधान का उल्लंघन करता हो। कंपनी ने कहा है कि वह इन आरोपों को बेबुनियाद मानती है और इन निर्णयों को कानूनी रूप से चुनौती देगी।
BCAS के आदेश के संदर्भ में कंपनी ने यह भी कहा कि वह सभी उपलब्ध कानूनी रास्तों को अपनाएगी ताकि इन आदेशों को पलटा जा सके और कंपनी की सेवाएं पुनः बहाल की जा सकें।
गौरतलब है कि CASI भारत में दिल्ली, बेंगलुरु, कोचीन, हैदराबाद, गोवा और कन्नूर एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान कर रही थी।
सेलेबी का यह विवाद सिर्फ कारोबारी नहीं, बल्कि भारत-तुर्की संबंधों में मौजूदा तनाव की एक और परत को उजागर करता है। अब यह देखना अहम होगा कि भारतीय अदालतें या प्रशासन इस चुनौती पर क्या रुख अपनाते हैं और तुर्की की इस कंपनी को राहत मिलती है या नहीं।