भरतपुर: शहर की सड़कों पर तेज और कानफोड़ू आवाज करने वाली बाइकों के खिलाफ भरतपुर पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। आमजन की परेशानी और भय का कारण बने इन मॉडिफाइड साइलेंसरों को लेकर पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाया, जिसके तहत यातायात पुलिस ने 105 अवैध साइलेंसर जब्त किए और उन्हें बुलडोजर की मदद से सार्वजनिक रूप से कुचलकर नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई ने न केवल क्षेत्र में चर्चा पैदा की, बल्कि बाइक चालकों को भी यह स्पष्ट संदेश दिया कि नियमों की अनदेखी अब नहीं चलेगी।
एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि यह विशेष अभियान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) के निर्देशन में संचालित किया गया। अभियान के तहत शहर में उन बुलेट और अन्य बाइकों को चिन्हित किया गया, जिनमें कानफोड़ू ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध साइलेंसर लगे हुए थे। इन बाइकों को रोककर चालकों से साइलेंसर निकलवाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। एसपी के अनुसार, ऐसे साइलेंसर न केवल ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि इनकी तेज आवाज से राहगीरों और अन्य वाहन चालकों में अचानक घबराहट पैदा होती है, जिससे हादसे की आशंका बढ़ जाती है। यह मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है और इसके लिए जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
जनता ने की कार्रवाई की सराहना:
जब्त किए गए 105 साइलेंसरों को भरतपुर में सार्वजनिक स्थल पर बुलडोजर और रोड रोलर से कुचलकर नष्ट किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस की इस सख्त कार्रवाई की सराहना की। यह कदम न केवल अवैध मॉडिफिकेशन करने वालों के खिलाफ चेतावनी है, बल्कि आम जनता को भी यह संदेश देता है कि कानून और नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
पुलिस अब इन बाइक चालकों से मिली जानकारी के आधार पर उन दुकानदारों और मिस्त्रियों की तलाश कर रही है जो अवैध साइलेंसर बेचते या बाइकों में लगाते हैं। इनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि इस प्रवृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
पुलिस की जनता से अपील:
भरतपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करें और अपने वाहनों में किसी भी प्रकार का अवैध मॉडिफिकेशन न करवाएं। यदि किसी को मॉडिफाइड साइलेंसर लगी बाइक, उसे लगाने वाला मिस्त्री या बेचने वाली दुकान नजर आए, तो उसकी फोटो या वीडियो पुलिस कंट्रोल रूम के व्हाट्सएप नंबर 8764862756 पर भेजें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी, ताकि नागरिक निडर होकर जानकारी साझा कर सकें।