डीग। भरतपुर जिले के डीग उपखंड स्थित बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा जारी उत्खनन कार्य को लेकर ऐतिहासिक उत्सुकता बढ़ती जा रही है। शनिवार को जिला कलेक्टर उत्सव कौशल ने इस उत्खनन स्थल का दौरा किया और वहां मौजूद पुरातत्वविदों से अब तक मिली खोजों की विस्तृत जानकारी ली।
ब्रज क्षेत्र के इस प्राचीन स्थल से मिल रहे अवशेष इसे प्राचीन भारतीय सभ्यताओं के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में चिन्हित कर रहे हैं। कलेक्टर कौशल ने स्थल पर मौजूद कुषाण, शुंग, मौर्य और महाजनपद काल के साथ-साथ महाभारत काल के माने जा रहे संरचनात्मक अवशेषों और कलाकृतियों का बारीकी से निरीक्षण किया।
गहराई तक जाकर लिया स्थल का जायजा
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने खुद गहराई तक जाकर खुदाई क्षेत्र को देखा और पुरातत्वविदों से इन अवशेषों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह खोज न केवल ब्रज क्षेत्र के इतिहास को उजागर करती है, बल्कि देश के पुरातात्विक महत्व को भी समृद्ध करती है।
ASI अधिकारियों ने बताया कि अब तक की खुदाई में मिट्टी के पात्र, ईंटों से बने ढांचे, आभूषणों के टुकड़े, तथा धार्मिक और दैनिक उपयोग की वस्तुएं प्राप्त हुई हैं, जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखंडों की कहानी कहती हैं।
18 मई को लगेगी विशेष प्रदर्शनी
एएसआई द्वारा मिली इन ऐतिहासिक वस्तुओं को 18 मई, रविवार को डीग के जल महल स्थित नंद भवन में आम जनता के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में इतिहासकारों, छात्रों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों के लिए बहज की ऐतिहासिक विरासत को देखने का दुर्लभ अवसर मिलेगा।
ब्रज के इतिहास को मिली नई दिशा
बहज का यह उत्खनन स्थल ब्रज क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को एक नई दृष्टि प्रदान कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षेत्र प्राचीन समय में एक महत्वपूर्ण बस्ती या नगर रहा होगा, जो विभिन्न कालखंडों की सामाजिक, धार्मिक और स्थापत्य परंपराओं को दर्शाता है।