बिहार के पूर्णिया जिले में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां एक पति को दो पत्नियों के बीच बांट दिया गया है। यह बंटवारा किसी पंचायत या परिवार की रजामंदी से नहीं, बल्कि पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में हुआ है। दोनों पत्नियों के बीच सहमति बनी कि पति हफ्ते में तीन दिन पहली पत्नी के साथ रहेगा और तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा। एक दिन उसे छुट्टी दी जाएगी। पति ने भी पुलिस के सामने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी।
यह मामला पूर्णिया में पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा की देखरेख में चल रहे पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में शुक्रवार को सुलझाए गए 14 मामलों में से एक था। इस दौरान अलग-अलग रह रहे कई पति-पत्नी को आपस में मिलाया गया। कुछ दिन पहले एक महिला पुलिस अधीक्षक के पास आई थी, जो रुपौली थाना क्षेत्र की रहने वाली थी। महिला ने अपने पति के खिलाफ आवेदन दिया था, जिसमें आरोप लगाया था कि उसके पति ने उसे छोड़ दिया है और वह भरण पोषण नहीं करता।
पति ने बिना तलाक दिए कर ली दूसरी शादी
पूर्णिया जिले में एक अजीबो-गरीब पारिवारिक मामला सामने आया है, जिसमें एक पति ने बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर ली। पत्नी ने आरोप लगाया कि सात साल पहले पति ने उसे बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर ली थी और इस बात को लंबे समय तक छुपाए रखा। इस दौरान पत्नी के दो बच्चे भी हुए, जिनका भरण-पोषण ठीक से नहीं हो पा रहा था।
पत्नी ने बताया कि जब उसे पति की दूसरी शादी का पता चला, तो वह अपने पति से अलग हो गई, और पति अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा। अब दोनों बेटे बड़े हो रहे हैं, जिनकी पढ़ाई-लिखाई और अन्य खर्चे बढ़ गए हैं, लेकिन पति किसी भी प्रकार की मदद नहीं कर रहा है।
पत्नी का यह आरोप सुनकर पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के सदस्य पति को फटकारते हुए उसे कानूनी सलाह दी कि बिना तलाक लिए दूसरी शादी करना एक अपराध है और इस पर उसे सजा हो सकती है। मामले की जांच के बाद केंद्र ने पति को उचित कार्रवाई के लिए समन भेजा और इस मामले में कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की बात की।
पहली पत्नी के पास जाने से रोकती है दूसरी पत्नी
पूर्णिया में एक अनोखा पारिवारिक विवाद सामने आया, जहां एक पति अपनी दोनों पत्नियों के बीच फंसा हुआ है। पति ने अपनी गलती मानी और बताया कि वह अपनी पहली पत्नी और बच्चों के पास वापस जाना चाहता है, लेकिन उसकी दूसरी पत्नी उसे जाने से रोकती है। दूसरी पत्नी के पास भी बच्चे हैं, और वह नहीं चाहती कि पति पहली पत्नी के पास जाए। पति ने बताया कि जब भी वह पहली पत्नी के पास जाता है, तो दूसरी पत्नी उसे धमकाती है, जिससे वह परेशान हो चुका है।
परामर्श केंद्र ने दी कड़ी सलाह
पारिवारिक मामला पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा, जहां केंद्र के सदस्यों ने दूसरी पत्नी को भी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जब तुम्हें पहले से ही यह जानकारी थी कि तुम्हारा पति पहले से शादीशुदा है, तो तुम्हें उससे शादी नहीं करनी चाहिए थी।
परिवार परामर्श केंद्र का फैसला
केंद्र के सदस्यों ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो पति को जेल भी हो सकती है। इसके बाद पति और दोनों पत्नियों के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें पति ने निर्णय लिया कि वह हर हफ्ते तीन दिन पहली पत्नी के पास और तीन दिन दूसरी पत्नी के पास रहेगा। इसके साथ ही पति को एक दिन की छुट्टी दी गई, जिस दिन वह अपनी मर्जी से किसी भी पत्नी के पास रह सकता था।
पति को आर्थिक जिम्मेदारी का फैसला
केंद्र ने यह भी निर्णय लिया कि पहली पत्नी के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और भरण-पोषण के लिए पति को चार हजार रुपये प्रतिमाह देने होंगे। इस फैसले पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई और अंत में सभी को घर भेज दिया।