उत्तर प्रदेश के वाराणसी से पकड़े गए तुफैल और दिल्ली से गिरफ्तार हारून की रिमांड पूरी हो चुकी है। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में इन दोनों से यूपी एटीएस (ATS) ने पूछताछ की, जिसमें उनके काम करने के तरीकों को लेकर चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इसके साथ ही इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आखिर बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती की मांग क्यों की जा रही थी।
यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान तुफैल और हारून ने कबूला है कि वे पाकिस्तान के हाई कमीशन में कार्यरत अधिकारियों के निर्देशों पर जासूसी कर रहे थे। उन्होंने एटीएस को यह भी बताया कि एक नया जासूसी मॉड्यूल कैसे तैयार किया जा रहा था और उसे ज़मीन पर कैसे उतारना था।
पाकिस्तान हाई कमीशन से सीधा संपर्क
पूछताछ में यह सामने आया कि दोनों का सीधा संपर्क पाकिस्तान हाई कमीशन में कार्यरत मुज्जमिल नामक व्यक्ति से था। मुज्जमिल ने उन्हें जासूसी नेटवर्क के लिए महिलाओं की भर्ती के निर्देश दिए थे। इसके बाद उन्होंने कई महिलाओं और युवतियों से संपर्क साधा।
वाराणसी से गिरफ्तार तुफैल ने दावा किया कि महिलाओं को यह जानकारी नहीं दी गई थी कि उन्हें जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उनसे सिर्फ विशेष जानकारियां एकत्र करने, फोटो-वीडियो देने और किसी खास व्यक्ति तक पहुंचने की बात कही गई थी।
जब एटीएस ने तुफैल से सवाल किया कि क्या महिलाओं को जासूसी के बारे में बताया गया था, तो उसने स्वीकारा कि शुरुआत में कुछ महिलाओं से इस बारे में बात की गई थी, लेकिन "जासूसी" शब्द आते ही उन्होंने पीछे हटना शुरू कर दिया। इसलिए बाद में इनका इस्तेमाल सिर्फ सूचनाएं देने तक सीमित कर दिया गया।
रिमांड के दौरान एटीएस ने यह भी जानने की कोशिश की कि महिलाओं की भूमिका को क्यों इतना अहम माना गया? तुफैल और हारून ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान महिलाओं पर कम जाता है और वे संदेह के दायरे में जल्दी नहीं आतीं। इसी वजह से इस बार महिलाओं की भर्ती को प्राथमिकता दी गई थी।
पूछताछ के जरिए एटीएस उन तीन लोगों की भी पहचान करने की कोशिश कर रही है जिनके बैंक खातों में हारून ने जासूसी से संबंधित रकम ट्रांसफर करवाई थी। फिलहाल, तुफैल और हारून की रिमांड पूरी हो चुकी है और दोनों को न्यायिक हिरासत में वापस भेज दिया गया है।