दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए आखिरकार लंबे इंतजार के बाद सरकारी बंगले की तलाश पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री बनने के करीब साढ़े तीन महीने बाद, उन्हें सिविल लाइंस क्षेत्र के राज निवास मार्ग पर दो सरकारी बंगले आवंटित किए गए हैं। ये बंगले क्रमशः 1/8 और 2/8 नंबर के हैं और 4 बीएचके श्रेणी के हैं। जानकारी के अनुसार, इन बंगलों में मरम्मत और रंग-रोगन का कार्य शुरू किया जा चुका है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही उस बंगले को अस्वीकार कर चुकी हैं जिसमें पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल रहते थे। उस बंगले को लेकर भाजपा ने 'शीशमहल' तक की संज्ञा दी थी और करोड़ों रुपये खर्च करने के आरोप भी लगाए थे। अब उस बंगले को म्यूजियम बनाने पर विचार किया जा रहा है।
सीएम गुप्ता को जो दो बंगले दिए गए हैं, उनमें से एक को वे सरकारी आवास के रूप में इस्तेमाल करेंगी, जबकि दूसरा बंगला उनका कैंप ऑफिस बनेगा। अब तक रेखा गुप्ता शालीमार बाग स्थित अपने निजी आवास में रह रही थीं, लेकिन अब उन्होंने नए बंगलों के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
सीएम आवास सचिवालय और केंद्र से होगा नजदीक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री के लिए ऐसे आवास की तलाश की जा रही थी जो सचिवालय, आईटीओ और केंद्र सरकार के कार्यालयों से निकट हो, ताकि सरकारी कार्यों में सुविधा बनी रहे। राज निवास मार्ग पर पहले ही सामाजिक कल्याण मंत्री रवि इंद्रराज सिंह को बंगला नंबर 3/8 आवंटित किया जा चुका है। वहीं, रेखा गुप्ता का नया आवास उपराज्यपाल विनय सक्सेना के निवास के करीब होगा।
दिल्ली सरकार के पास राज निवास मार्ग पर कुछ बंगले हैं, जिन्हें आमतौर पर मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों को दिया जाता है। इनमें चार बेडरूम, एक बड़ा लॉन, लिविंग और ड्रॉइंग एरिया तथा स्टाफ क्वॉर्टर शामिल होते हैं। रेखा गुप्ता के पड़ोसी के रूप में रवि इंद्रराज सिंह और डिप्टी स्पीकर बिष्ट रहेंगे।
पहले कहां रहते थे सीएम?
रेखा गुप्ता से पहले मुख्यमंत्री पद पर रहीं आतिशी, मथुरा रोड स्थित बंगले AB-17 में रहती थीं। वहीं अरविंद केजरीवाल, सिविल लाइंस के 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले में रहते थे, जिसे लेकर भाजपा ने आरोप लगाया था कि उस पर करोड़ों रुपये की भव्यता से खर्च किया गया। इसी कारण अब यह बंगला जांच के घेरे में है, और रेखा गुप्ता ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि वे उस बंगले में नहीं रहेंगी।
बंगलों की मरम्मत पर खर्च होंगे 47 लाख रुपये
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इन बंगलों के आवंटन की जानकारी PWD को भेज दी गई है और मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि "बंगलों में आवश्यक मरम्मत और रेनोवेशन का कार्य किया जा रहा है, जिसके पूरा होते ही मुख्यमंत्री वहां शिफ्ट हो जाएंगी।" कैंप ऑफिस निर्माण के लिए PWD की ओर से टेंडर भी जारी किया गया है। बंगलों की मरम्मत पर कुल अनुमानित खर्च 47 लाख रुपये है और इसे 60 दिनों में पूरा करने की योजना है।