नासा के पर्सेवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जिससे वैज्ञानिकों को मंगल के प्राचीन रहस्यों का एक नया खुलासा हुआ है। रोवर ने 'Witch Hazel Hill' नामक स्थल पर ऐसी चट्टानें खोजी हैं, जिनकी जैसी संरचनाएं पहले कभी मंगल पर नहीं देखी गईं। पिछले चार महीनों के दौरान, पर्सेवरेंस रोवर ने यहाँ से 5 चट्टानों के नमूने एकत्र किए, 7 अन्य चट्टानों का विश्लेषण किया और 83 बार लेजर से जांच की। यह रोवर द्वारा की गई अब तक की सबसे तेज़ और विस्तृत वैज्ञानिक जांच रही है।
इस दौरान प्राप्त चट्टानें, जिनमें से कुछ लगभग 3.9 अरब साल पुरानी हैं, वैज्ञानिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये वे दिन थे जब मंगल पर उल्कापिंड गिरते थे, ज्वालामुखी सक्रिय थे और संभवत: पानी बहता था, जो अब की तुलना में एक बहुत अलग वातावरण था।
मंगल के प्राचीन समय के संकेत
वैज्ञानिक मानते हैं कि इन चट्टानों में से कुछ को मंगल के अंदरूनी भाग से उल्कापिंडों के प्रभाव के कारण सतह पर आना पड़ा होगा। इन चट्टानों ने मंगल की गहरी परतों और उनके अदृश्य रहस्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जो पहले किसी भी मिशन में प्राप्त नहीं की जा सकी थी।
Space.com की रिपोर्ट के अनुसार, एक विशेष नमूने में ऐसे संरचनात्मक और ऐतिहासिक संकेत मिले हैं, जिनकी वजह से इसे "मंगल का अनमोल खजाना" माना जा रहा है। यह चट्टानें मंगल के प्राचीन भूगर्भीय इतिहास के बारे में बेहद मूल्यवान जानकारी प्रदान करती हैं, जो वैज्ञानिकों के लिए अनोखा और असामान्य है।
सर्पेन्टाइन और हाइड्रोजन गैस का रहस्य
एक और महत्वपूर्ण खोज, एक चट्टान में सर्पेन्टाइन खनिज की उपस्थिति है। यह खनिज उस प्रक्रिया का संकेत है, जिसमें पानी और ज्वालामुखीय चट्टान एक-दूसरे के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करते हैं। इस तरह की प्रतिक्रियाओं से हाइड्रोजन गैस उत्पन्न हो सकती है, जो सूक्ष्म जीवों के लिए ऊर्जा का स्रोत हो सकती थी। हालांकि, अब तक मंगल पर जीवन के कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन यह खोज जीवन की संभावनाओं के बारे में नए सवाल खड़े करती है।
"Green Gardens" नमूना और भविष्य की योजना
इसके अलावा, पर्सेवरेंस रोवर ने "Green Gardens" नामक एक खास नमूने को भी सुरक्षित किया है। इस नमूने को भविष्य में पृथ्वी पर लाने की योजना बनाई गई है। वैज्ञानिक इस नमूने को पृथ्वी पर लाकर और अधिक गहराई से अध्ययन करना चाहते हैं, ताकि यह पता चल सके कि क्या कभी मंगल पर जीवन था।
मंगल से पृथ्वी तक: मिशन का भविष्य
हालांकि, इन अमूल्य नमूनों को पृथ्वी पर लाने का मिशन अभी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। लागत में बढ़ोतरी और तकनीकी समस्याओं के कारण यह मिशन 2040 या उससे बाद तक के लिए टल सकता है। इस वजह से, ये महत्वपूर्ण खोजें और नमूने फिलहाल मंगल पर ही रखे जाएंगे।
नासा का यह मिशन वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी उम्मीद है, क्योंकि इससे मंगल के प्राचीन इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है, जो न सिर्फ ग्रह के अतीत को समझने में मदद करेगी, बल्कि जीवन की संभावनाओं को लेकर भी नई दिशा प्रदान करेगी।