म्यांमार में 28 मार्च का दिन विनाशकारी साबित हुआ जब 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद आए झटकों ने देश को हिला दिया। बचाव दल मलबे में फंसे जीवित लोगों को खोजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। भूवैज्ञानिकों के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसकी ऊर्जा को 334 परमाणु बमों के बराबर बताया जा रहा है।
अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत
इस सदी के सबसे शक्तिशाली भूकंप ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई है। अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल और लापता बताए जा रहे हैं। भूकंप के प्रभाव से पड़ोसी देश थाईलैंड भी प्रभावित हुआ है। बैंकॉक में एक 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत कुछ सेकंड में ही ढह गई, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई।
भूकंप के झटकों से कांपा मांडले
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, म्यांमार में भूकंप के एक दर्जन से अधिक झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र मांडले के पास था। बीते 10 घंटों में कुल 15 झटके दर्ज किए गए, जिनमें से पहला झटका 7.7 तीव्रता का था, जो सुबह 6:20 (UTC) पर आया। इसके बाद 29 मार्च को भी दो और झटके (5.1 और 4.2 तीव्रता) महसूस किए गए।
भारत से हरसंभव सहायता
भारत सरकार ने म्यांमार में इस भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए सहायता भेजी है। भारतीय एजेंसियां आपदा प्रभावित इलाकों में हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए काम कर रही हैं।