राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल, जयपुर ने मार्च-मई 2025 सत्र की 10वीं और 12वीं कक्षाओं के परीक्षा परिणाम 19 जून को घोषित कर दिए। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा संकुल परिसर में इस परिणाम की घोषणा की। इस वर्ष की परीक्षाएं राष्ट्रीय सुरक्षा की वजह से पुनर्निर्धारित की गई थीं और 30 मई को अंतिम परीक्षा संपन्न हुई थी। केवल 19 दिनों में परिणाम जारी कर स्टेट ओपन स्कूल ने रिकॉर्ड समय में मूल्यांकन कार्य पूरा किया है।
10वीं और 12वीं के परिणाम
कक्षा 10वीं में कुल 53,498 छात्र पंजीकृत हुए, जिनमें से 35,575 छात्रों ने परीक्षा दी और 16,400 विद्यार्थी पास हुए। पास प्रतिशत 46.1% रहा। कक्षा 12वीं में 49,499 में से 38,289 छात्रों ने परीक्षा दी और इनमें से 18,800 सफल हुए। इस वर्ग का औसत परिणाम 49.1% रहा। उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन 20 से 26 जून 2025 के बीच राज्य ओपन स्कूल की वेबसाइट पर किए जा सकते हैं।
टॉपर्स की सूची और पुरस्कार
10वीं कक्षा में:
अमान खान (जोधपुर): 85.4% (छात्र वर्ग प्रथम)
हीना (जयपुर): 89.8% (छात्रा वर्ग प्रथम)
इन दोनों को ₹21,000 की नकद राशि दी जाएगी।
गजेन्द्र सिंह देवड़ा (सिरोही): 83.8% (छात्र वर्ग द्वितीय)
ममता (फालोदी) और चंदू कंवर (जैसलमेर): 85% (छात्रा वर्ग द्वितीय स्थान साझा)
इन तीनों को ₹11,000 की नकद राशि प्रदान की जाएगी।
12वीं कक्षा में:
सुमित (बालोतरा): 86% (छात्र वर्ग प्रथम)
रुखसाना बानो (चूरू): 88.6% (छात्रा वर्ग प्रथम)
इन दोनों को ₹21,000 की नकद राशि दी जाएगी।
प्रियांक आहारी (राजसमंद): 85.8% (छात्र वर्ग द्वितीय)
खुशबू जैन (डूंगरपुर): 88% (छात्रा वर्ग द्वितीय)
इन्हें ₹11,000 की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
इसके अलावा, राज्य के सभी जिलों से एक-एक छात्र और छात्रा को जिले के टॉपर के रूप में ₹11,000 की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली बनी सहायक
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस बार रिजल्ट जल्दी और पारदर्शी तरीके से घोषित करने में डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली की अहम भूमिका रही। इससे समय की बचत तो हुई ही, साथ ही शिक्षण कार्य भी प्रभावित नहीं हुआ। उत्तरपुस्तिकाओं की स्कैनिंग और मूल्यांकन सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली से हुआ, जिससे टोटलिंग में त्रुटि की संभावना खत्म हो गई। मूल्यांकनकर्ता को यह जानकारी नहीं होती कि वह किस छात्र की कॉपी जांच रहा है, जिससे गोपनीयता बनी रहती है। इसके साथ ही, सभी जिलों के शिक्षक इस प्रणाली से आसानी से जुड़े, जिससे मॉनिटरिंग और क्वालिटी में भी सुधार हुआ।
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल द्वारा सिर्फ 19 दिनों में परिणाम जारी कर न केवल समय की बचत की गई, बल्कि पारदर्शिता और गुणवत्ता का भी उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। इस बार की परीक्षा प्रणाली और पुरस्कार नीति से राज्य के हजारों छात्रों को न सिर्फ सफलता का सम्मान मिला, बल्कि भविष्य के लिए नई ऊर्जा भी मिली है।