राजस्थान के अजमेर में ऑनर किलिंग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने समाज में रिश्तों और तथाकथित ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्याओं की कड़वी सच्चाई को उजागर कर दिया है। एक युवती के प्रेमी की सिर्फ इसलिए बेरहमी से हत्या कर दी गई क्योंकि वह अपनी शादीशुदा जिंदगी छोड़कर प्रेमी के साथ लिव-इन में रह रही थी। पुलिस ने इस हत्याकांड में युवती के दो रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।
मामले की शुरुआत: अपहरण से लेकर हत्या तक की खौफनाक साजिश
मृतक सहदेव भाकर अजमेर में अपने दोस्त हरेंद्र के साथ नर्सिंग भर्ती परीक्षा देने आया था। 13 जून को परीक्षा के बाद जब वह बस स्टैंड पर अपने घर लौटने की तैयारी कर रहा था, तभी युवती करिश्मा की बहन ललिता और जीजा महिपाल उससे मिलने पहुंचे। बातों-बातों में दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, लेकिन सहदेव को यह अंदाज़ा नहीं था कि यह सब एक गहरी साजिश का हिस्सा है।
कुछ देर बाद ही सहदेव को एक पिकअप गाड़ी में जबरन बैठाकर नागौर जिले के मेहरवास रोड स्थित एक सुनसान खेत में ले जाया गया। वहां पहले से मौजूद आरोपियों ने पेचकस से उसकी बेरहमी से पिटाई की और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। शव को खेत में फेंककर सभी आरोपी फरार हो गए।
पुलिस की कार्रवाई: दो गिरफ्तार, कई अब भी फरार
सिविल लाइन थाना प्रभारी शंभू सिंह ने जानकारी दी कि पुलिस ने दो आरोपियों – ओम प्रकाश और कुन्नाराम को गिरफ्तार कर लिया है। कुन्नाराम युवती करिश्मा का चाचा ससुर है और मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। ओमप्रकाश, करिश्मा के जीजा का रिश्तेदार है जिसने सहदेव की हर मूवमेंट पर नजर रखी और उसकी लोकेशन बाकी आरोपियों तक पहुंचाई।
पुलिस के मुताबिक, करिश्मा ने सितंबर 2024 में अपने पति चेनाराम को छोड़ दिया था और प्रेमी सहदेव के साथ लिव-इन में रहने लगी थी। यही बात करिश्मा के और उसके पति के परिवार को नागवार गुज़री। उन्होंने इसे ‘इज्जत का सवाल’ बनाकर हत्या की साजिश रच डाली।
हत्या की पुष्टि और जांच का सिलसिला
हत्या के बाद सहदेव का दोस्त हरेंद्र किसी तरह वहां से भाग निकला और उसने सहदेव के पिता रामदेव को घटना की सूचना दी। रामदेव ने तुरंत अपहरण का मामला दर्ज कराया। अगले दिन पुलिस को मेहरवास रोड के पास एक युवक की लाश बरामद हुई। रामदेव ने फोटो देखकर शव की पहचान अपने बेटे सहदेव के रूप में की।
इसके बाद अपहरण केस में हत्या की धाराएं जोड़ी गईं और सिविल लाइन पुलिस ने जांच को तेज कर दिया। फिलहाल, लड़की के पिता, चाचा, बहन, जीजा और ताऊ अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
इस मामले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
इस मामले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस जघन्य ऑनर किलिंग को समझने में अहम भूमिका निभाते हैं। सबसे पहले, मृतक सहदेव अजमेर नर्सिंग भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने दोस्त के साथ आया था, लेकिन परीक्षा के बाद बस स्टैंड से ही उसका अपहरण कर लिया गया। दूसरी ओर, जिस युवती करिश्मा से उसका प्रेम संबंध था, वह शादीशुदा थी और उसने अपने पति को छोड़कर सहदेव के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना शुरू कर दिया था। इसी रिश्ते से करिश्मा के परिवार और ससुराल वालों की नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने हत्या की साजिश रच डाली।
पुलिस जांच में सामने आया कि इस साजिश का मुख्य सूत्रधार करिश्मा का चाचा ससुर कुन्नाराम था, जो इस रिश्ते को पारिवारिक अपमान मान रहा था। उसने करिश्मा के अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर सहदेव की हत्या का प्लान बनाया। हत्या के दिन आरोपी उसे बातचीत में उलझाकर एक सुनसान इलाके में ले गए और वहां पहले पेचकस से कई वार किए, फिर गला दबाकर उसकी जान ले ली।
इस पूरी वारदात के पीछे कथित ‘इज्जत’ की रक्षा और जातीय अहंकार का भाव था, जो इस समाज की एक खतरनाक मानसिकता को उजागर करता है। इस मामले ने एक बार फिर दिखाया है कि प्रेम संबंधों में पारिवारिक स्वीकृति न मिलने पर कैसे हिंसा को जायज़ ठहराने की कोशिश की जाती है, जो कानून और मानवता दोनों के खिलाफ है।
समाज को झकझोरने वाला मामला
यह ऑनर किलिंग का मामला सिर्फ एक प्रेम कहानी की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक ढांचे पर भी सवाल खड़ा करता है जहां इज्जत के नाम पर इंसानी जिंदगी खत्म कर दी जाती है। यह घटना एक बार फिर बताती है कि भले ही कानून कितने भी सख्त हों, जब तक मानसिकता नहीं बदलेगी, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।
पुलिस की सख्त कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया के ज़रिए यह ज़रूरी है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई और सहदेव इसी तरह निर्दोष न मारा जाए।