22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 6 और 7 मई की रात को "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया। इस कार्रवाई के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इस जवाबी हमले में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया। अब इस निर्णायक सैन्य अभियान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अहम बयान जारी किया है।
लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी के उद्घाटन समारोह के दौरान रक्षामंत्री ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की सटीक और निर्णायक कार्यवाही का प्रमाण है। इस अभियान के जरिए हमने यह दिखा दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।"
पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि यह अभियान वहां मौजूद आतंकी ठिकानों को खत्म करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। "जहां भारतीय सेना ने केवल आतंकियों को टारगेट किया, वहीं पाकिस्तान की सेना ने आम नागरिकों और धार्मिक स्थलों—मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर—को भी निशाना बनाया।"
उन्होंने आगे कहा, "सेना ने साहस, संयम और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। यह हमला सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि रावलपिंडी में स्थित पाकिस्तानी फौज के मुख्यालय तक हमारी धमक पहुंची है।"
रक्षा मंत्री ने आतंकवाद पर भारत के रुख को दोहराते हुए कहा, "दुनिया ने देखा है कि उरी हमले के बाद हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की, पुलवामा के जवाब में बालाकोट एयर स्ट्राइक की, और अब पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के जरिए एक बार फिर भारत ने यह साबित किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर कार्रवाई कर सकता है।"
अंत में उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर चलते हुए आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए सीमाओं के इस पार और उस पार दोनों तरफ पूरी तरह तैयार है। यह नया भारत अब चुप नहीं बैठता, बल्कि करारा जवाब देता है।"