मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। समिट में थोड़ी देरी से पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में माफी मांगी और कहा कि उन्हें यहां आने में विलंब हुआ है। उन्होंने इस देरी के कारण की व्याख्या करते हुए कहा, "कल जब मैं यहां पहुंचा, तो ध्यान में आया कि आज 10वीं और 12वीं के छात्रों के एग्जाम हैं। मेरा और उनके परीक्षा केंद्रों का समय क्लैश हो रहा था। इसलिए सुरक्षा कारणों से रास्ते बंद होने की संभावना थी, जिससे बच्चों को परीक्षा में जाने में कठिनाई हो सकती थी। इसलिए मैंने अपनी यात्रा में 10-15 मिनट की देरी की।"
समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “विकसित मध्य प्रदेश से विकसित भारत की यात्रा में आज का यह आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं मोहन यादव जी और उनकी पूरी टीम को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई देता हूं। यह भारत के इतिहास में पहली बार है जब पूरी दुनिया भारत को लेकर इतनी आशावादी है। चाहे सामान्य लोग हों, अर्थशास्त्र विशेषज्ञ हों, विभिन्न देश हों, या अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं—इन सभी को भारत से बड़ी उम्मीदें हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनेगा। इसके अलावा, यूएन की एक संस्था ने भारत को सोलर पावर की सुपरपॉवर बताया। यह संस्था ने यह भी कहा कि जहां कई देश सिर्फ बातें करते हैं, वहीं भारत नतीजे दिखाता है।"
मध्य प्रदेश की कृषि क्षेत्र में स्थिति पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मध्य प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से भारत का 5वां बड़ा राज्य है और कृषि के क्षेत्र में यह राज्य देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है। मिनरल्स के मामले में भी मध्य प्रदेश देश के टॉप 5 राज्यों में है। राज्य को जीवनदायिनी मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां सभी संभावनाएं और क्षमताएं हैं जो इस राज्य को जीडीपी के हिसाब से देश के टॉप 5 राज्यों में ला सकती हैं।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "बीते 2 दशकों में मध्य प्रदेश ने विकास के एक नए दौर का अनुभव किया है। पहले यहां बिजली, पानी और कानून-व्यवस्था की कई समस्याएं थीं। ऐसे में उद्योगों का विकास मुश्किल था। लेकिन अब मध्य प्रदेश में हर क्षेत्र में विकास हुआ है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछला दशक भारत के लिए ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि का रहा है, खासकर ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में। भारत ने वह कर दिखाया है, जिसकी पहले कल्पना भी करना मुश्किल था।"