खाने का स्वाद बढ़ाने साथ ही शुक्राणों की कमी में लाभदायक होता है हींग का सेवन, जानिये इसके फायदे और नुकसान
By: Geeta Sun, 24 Sept 2023 10:27:50
हमारा किचन किसी खजाने से कम नहीं है। यहां रखी हर एक चीज का इस्तेमाल कोई ना कोई समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। इन्हीं में से एक है हींग। हींग का इस्तेमाल अक्सर खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। बहुत कम लोग ही इसके अनेक औषधीय गुणों से परिचित होते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में पैदा होने वाला हींग अपने देश में कम मात्रा में ही पाया जाता है। बलूचिस्तान, अफगानिस्तान के पहाड़ी क्षेत्रों में हींग बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। यहीं से हींग हमारे देश में भी आयात किया जाता है। हींग का 6 -8 फुट का पेड़ होता है। यह सौंफ के बड़े पौधे जैसा दिखता है। इसमें पीले रंग के फूल गुच्छे के रूप में टहनी के अंत में लगते हैं। इसकी जड़ से हींग प्राप्त होती है। जड़ पर चीरा लगाने से रस निकलता है जो सूख कर गोंद जैसा हो जाता है। यही हींग है। इसमें तेज गंध आती है जो असहनीय होती है। इसकी तेज गंध के इसे इंग्लिश में डेविल डंग यानि राक्षस का गोबर कहते हैं। एक पेड़ से लगभग 100 ग्राम से लेकर 300 ग्राम तक हींग प्राप्त हो सकती है।
हर घर में दाल बनती ही है और स्वाद के लिए महिलाएं उसमें हींग का तड़का जरूरी लगाती हैं। हींग खाने को स्वादिष्ट तो बनाता है साथ ही हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसके औषधीय गुण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने में हमारी मदद करते हैं। जुकाम, सर्दी, पेट दर्द, अपच और उल्टी जैसी कई समस्याओं को दूर करने में भी हींग का इस्तेमाल किया जाता है।
असली हींग की पहचान
हींग सावधानी से खरीदनी चाहिए। बाजार में खुले में बिकने वाली हींग नकली भी हो सकती है। असली हींग की पहचान करने के तरीके से असली और नकली हींग में फर्क मालूम चलता है तथा हींग में मिलावट हो तो उसका भी पता लगाया जा सकता है।
असली हींग की पहचान करने के लिए हींग को पानी में घोलना चाहिए। पानी का रंग दूध जैसा सफ़ेद हो जाये तो हींग को असली समझना चाहिए। माचिस की जलती हुई तीली हींग के पास लाने से चमकदार लौ निकलती है तथा यह पूरी तरह जल जाती है। नकली हींग के साथ ऐसा नहीं होता।
हींग के गुण और पोषक तत्व
आयुर्वेद के अनुसार हीग पित्त प्रधान और गर्म तासीर वाली होती है। हीग पर की गई रिसर्च के अनुसार इसमें फेरूलिक एसिड, अल्फ़ा पायनिन, टरपीनेयोल, ल्युटेलिन, एजुलीन आदि तत्व होते हैं। इसलिए हींग अपने आप में एक प्रभावकारी दवा है। इसके अलावा हींग में कई विटामिन और खनिज जैसे कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन आदि भी पाए जाते हैं।
हींग में फेरूलिक एसिड नामक फीटो केमिकल की अधिक मात्रा का होना हींग के औषधीय गुण का मुख्य कारण होता है। फेरूलिक एसिड में एंटी कैंसर, एंटी इंफ्लेमटरी, एंटी ट्यूमर, एंटी वायरल, एंटी बेक्टिरियल, एंटी स्पास्मोडिक तथा एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
हींग को अंग्रेजी में एस्फोटिडा कहा जाता है जो कि एस्टीफेड नामक पेड़ की जड़ से बनता है। जो पुरुष हींग के नाम से मुंह-भौंह सिकोड़ते हैं, उन्हें जान लेना चाहिए की हींग पुरुषों की सेक्सुअल हेल्थ को बूस्ट करने का काम करती है। सेक्सुअल समस्या जैसे शीघ्रपतन और नपुंसकता को दूर करती है। इसके अलावा भी हींग के बहुत से फायदे हैं। आइए, हींग के उन गुणों के बारे में आपको बताते हैं जिससे आज तक आप अनजान थे।
हींग के फायदे
पाचन
हींग का उपयोग पुराने समय से पेट के रोगों के लिए किया जाता रहा है। इसके तत्व पेट के गैस, पेट के कीड़े , पेट फूलना आदि में लाभदायक होते हैं। पेटदर्द व गैस होने पर हींग, अजवायन और काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी से लेने से तुरंत आराम मिलता है। छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर गुनगुने पानी में हींग घोलकर नाभि के आसपास लगाने से पेट की गैस निकल जाती है और पेट दर्द ठीक हो जाता है। हींग, अजवाइन , छोटी हरड़ और सेंधा नमक चारों बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। दिन में तीन बार आधा चम्मच गर्म पानी से फंकी लेने से अपच ठीक होती है। भूख खुल जाती है। पेट का फूलना और भारीपन समाप्त साफ हो जाता है। हींग में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों का भंडार होता है। पेट में कीड़े पड़ जाने पर, एसिडिटी, पेट खराब हो जाने पर हींग का सेवन काफी लाभकारी होता है।
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में
हींग में कोउमारिन नाम का पदार्थ पाया जाता है। यह खून को जमने से रोकता ही है साथ ही साथ खून को पतला भी करता है। इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
पीरियड के समय होने वाले दर्द से मुक्ति दिलाती है
हींग में पाये जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेट्री तत्व पीरिड्स से जुड़ी सभी समस्याओं में निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा हींग महिलाओं में ल्यूकोरिया और कैंडिडा इंफेक्शन को ठीक करने में भी काफी कारगर है। हींग दर्द कम करने में मददगार होती है। विशेषकर महिलाओं को माहवारी के समय होने वाले दर्द में इससे बहुत आराम मिलता है। इसके अलावा दांत का दर्द , माइग्रेन या अन्य सिरदर्द में भी इससे आराम मिल सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चुटकी हीग मिलाकर उबाल लें। इसे गुनगुना पीने से लाभ होता है। दांत में दर्द हो तो हीग को नीबू के रस में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे दांत पर लगाने से दर्द कम होता है। जोड़ों में दर्द होने पर एक गिलास पानी में मूंग के बराबर हीग डालकर उबाल लें। जब हींग पूरी तरह घुल जाये तो गुनगुना पिए। कुछ दिन नियमित इस प्रयोग से दर्द जॉइंट पेन तथा सूजन आदि में आराम मिलता है।
पुरुषों की यौन समस्याओं में
हींग का सेवन पुरुषों की तमाम यौन संबंधी रोगों के उपचार में भी लाभकारी है। हर रोज खाने में थोड़ा सा हींग मिलाकर सेवन करने से नपुंसकता, शीघ्रपतन तथा स्पर्म में कमी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा गर्म पानी में हींग को मिलाकर पीने से लिबिडो यानी कि कामेच्छा बढ़ती है।
सांस की समस्याओं में
हींग का सेवन करने से बलगम प्राकृतिक रूप से दूर रहता है। यह एक श्वसन उत्तेजक की तरह कार्य करती है और खांसी के उपचार में मदद करती है। शहद और अदरक के साथ हींग को मिलाकर खाने से खांसी से काफी आराम मिलता है।
किडनी को स्वस्थ रखे हींग
गुर्दे यानी किडनी की बीमारी से बचना है, तो डाइट में हींग शामिल करें। हींग शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालने में मदद करती है, जो किडनी के लिए एक तरह से सहायता होती है।
कीड़े का काटना
मकड़ी या किसी कीड़े के काटने या डंक मारने पर पके केले के टुकड़े के साथ चुटकी भर हींग निगलने से दर्द और सूजन में आराम आता है। मधुमक्खी डंक मार दे तो हींग को पानी में घिस पर गाढ़ा पेस्ट बना कर लगाने से आराम मिलता है।
हींग के नुकसान
—हींग की तासीर गर्म होती है। अतः पित्त प्रकृति वाले लोगों को सावधानी के साथ हींग का उपयोग करना चाहिए। शरीर में रक्तस्राव होने की संभावना हो या जलन होती है तो हींग का उपयोग नहीं करना चाहिए।
—एसिडिटी या पेट में अल्सर आदि परेशानी हो तो हींग नहीं लेनी चाहिए।
—यह रक्त का थक्का बनने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है। इसलिए आपरेशन से पहले 2 सप्ताह तक या बाद में हींग नहीं लेनी चाहिए।
—गर्भावस्था में हींग नहीं लेनी चाहिए क्योंकि यह गर्म होती है। यह गर्भाशय में आकुंचन पैदा कर सकती है। जिसके कारण गर्भपात भी हो सकता है अतः सावधान रहें।
—हींग ब्लड प्रेशर को प्रभावित करती है अतः यदि हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर हो और दवा ले रहे हैं तो हींग के उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए।
—हींग के तत्व माँ के दूध में जा सकते हैं। इसलिए स्तनपान कराने वाली माँ को हींग नहीं लेनी चाहिए। यह शिशु के लिए नुकसान दायक हो सकता है।
—पाँच साल से छोटे बच्चों को हींग नहीं देनी चाहिए।
—सामान्य व्यक्ति को हींग की मात्रा दवा के रूप में भी एक दिन में 250 मिली ग्राम से ज्यादा नहीं लेनी चाहिए।