अजमेर जिले में पुलिस द्वारा अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के खिलाफ चलाए जा रहे धरपकड़ अभियान के तहत 2151 संदिग्धों से पूछताछ की गई। इस दौरान छह बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान हुई, जिनमें से चार दरगाह थाना क्षेत्र और दो सरवाड़ थाना क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे थे।
पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि रोहिंग्या, अवैध बांग्लादेशी नागरिकों और अन्य संदिग्धों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का नेतृत्व सीआईडी जोन, वृत्ताधिकारी और विभिन्न थानाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। गठित विशेष टीमें जिलेभर की होटलों, धर्मशालाओं, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों, ईंट भट्टों, कारखानों, कच्ची बस्तियों, दरगाह क्षेत्र और धार्मिक स्थलों में दबिश देकर संदिग्धों को डिटेन कर रही हैं।
इस अभियान के दौरान दरगाह थाना क्षेत्र में चार और सरवाड़ थाना क्षेत्र में दो बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रहते हुए पाए गए। जिनकी पहचान जमीर शाह (30), झरना बेगम उर्फ मीर मरिया बेगम, कादर इकबाल उर्फ बाबू चिश्ती (47), मोहम्मद रफीकुल इस्लाम उर्फ बाबू चिश्ती (56), मंजरूल इस्लाम (30), अब्दुल कादिर (63) और खलीकुल इस्लाम (35) के रूप में हुई है। ये सभी बांग्लादेश के ढाका और अन्य क्षेत्रों से भारत आए हैं और दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न राज्यों से अजमेर में बसने की बात कह रहे हैं।
फिलहाल पुलिस इन संदिग्धों के दस्तावेजों की गहन जांच कर रही है। एसपी राणा ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी भी संदिग्ध या अवैध नागरिक के बारे में जानकारी हो, तो तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन या जिला पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित करें।
दरगाह थाना अधिकारी दिनेश जीवनानी ने जानकारी दी कि जालियान कब्रिस्तान, अंदकोट, नई सड़क, तारागढ़ की पहाड़ी, सोहल खंभा दरगाह क्षेत्र, बड़े पीर का चिल्ला, लोगियां मोहल्ला, ताराशाह नगर और नागफणी जैसे क्षेत्रों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान 50 संदिग्धों को डिटेन किया गया, जिनमें से चार बांग्लादेशी नागरिक पाए गए।
डीडवाना-कुचामन में भी चल रहा है बाहरियों की पहचान का अभियान
डीडवाना-कुचामन क्षेत्र की पुलिस ने भी अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए अभियान शुरू किया है। जिले में निवास कर रहे बाहरी लोगों की पहचान की जा रही है और उनके दस्तावेजों तथा चरित्र सत्यापन की जांच की जा रही है।
पुलिस उपाधीक्षक धरम पूनिया ने बताया कि अलग-अलग थाना क्षेत्रों में बनाई गई पुलिस टीमें विशेष रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान कर रही हैं। पुलिस ने मिठाई कारखानों, ज्वेलर्स की दुकानों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर जाकर काम करने वालों की जांच की। इसके साथ ही उन बस्तियों में भी तलाशी ली गई, जहां अन्य प्रदेशों से आए लोग निवास करते हैं।
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग डीडवाना क्षेत्र में व्यवसाय और मजदूरी के लिए आते हैं, जिनकी आड़ में कई बांग्लादेशी भी भारत में घुसपैठ कर सकते हैं। इसलिए जिले में रह रहे सभी बाहरी नागरिकों के दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच की जा रही है। यदि किसी व्यक्ति के पास वैध दस्तावेज नहीं मिले या वह अवैध रूप से भारत में रह रहा हो, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।