Kamika Ekadashi 2022 : कल हैं सावन की पहली एकादशी, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
By: Ankur Sat, 23 July 2022 06:28:15
कल अर्थात 24 जुलाई, रविवार को सावन के इस महीने की पहली एकादशी पड़ रही हैं जिसे कामिका एकादशी के तौर पर जाना जाता हैं। चातुर्मास के दौरान आने वाली इस एकादशी का अपना अलग ही महत्व हैं जो भगवान विष्णु को समर्पित होती हैं। इस दिन शंख, चक्र, गदाधारी विष्णु भगवान का पूजन किया जाता है। श्रावण मास की कामिका एकादशी की कथा वाजपेय यज्ञ का फल देने वाली मानी गई है। कामिका एकादशी व्रत रखने से ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिलती है और सभी पापों का नाश होता हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी हैं कि व्रत का फायदा तभी मिलता हैं जब एकादशी के सभी नियमों का अच्छे से पालन किया जाए। आज इस कड़ी में हम आपको कामिका एकादशी से जुड़े नियम और गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनपर आपको ध्यान देना हैं।
कामिका एकादशी का समय काल
सावन महीने में कामिका एकादशी तिथि 23 जुलाई 2022, शनिवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो 24 जुलाई 2022, रविवार को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के मुताबिक, कामिका एकादशी का व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा। कामिका एकादशी व्रत का पारण 25 जुलाई को सुबह 05:38 बजे से लेकर सुबह 08:22 बजे के बीच कभी भी किया जा सकता है।
एकादशी व्रत के दौरान पीले रंग का महत्व
कामिका एकादशी व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र प्रिय हैं। ऐसे में कामिका एकादशी पर भक्तों को पीले वस्त्र पहनने से काफी लाभ होता है। इसके पूजा चौकी पर भी पीले वस्त्र होने चाहिए। भगवान विष्णु को पूजा के दौरान पीले फूल चढ़ाने चाहिए। इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही वजह है कि कामिका एकादशी व्रत पर पीले रंग का विशेष महत्व होता है।
ब्रह्म हत्या दोष से मिलेगी मुक्ति
इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करना धार्मिक तीर्थस्थल पर पवित्र नदियों में स्नान करने के बराबर माना जाता है। यह आपको ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त करता है और विपत्ति से बचाता है। कामिका एकादशी व्रत से आपको मन की शांति मिलती है। सावन महीने में कामिका एकादशी व्रत रखना अति लाभदायक होता है। ऐसे में भक्तों को कामिका एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेना चाहिए।
कामिका एकादशी पर करें ये काम
- कहते हैं कि इस एकादशी का व्रत रखने से अटके और बिगड़े काम बन जाते हैं। व्रत रखने वाले से पितरों के कष्ट भी श्रीहरि विष्णु दूर कर देते हैं। इस दिन तीर्थों में स्नान करने का फल अश्वमेघ यज्ञ के समान होता है। श्रीहरि की तुलसी से पूजा करें और कथा सुनेंगे तो इससे सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन भूलकर भी चावल न खाएं।
- ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस दिन आप 2 हल्दी की गांठ, 1 चांदी का सिक्का और 1 पीली कौड़ी को पीले कपड़ में रखकर बांध लें और उस बंधी पोटली को तिजोरी में रख दें। इस उपाय से धन में बढ़ोतरी होगी।
- ध्यान रहे कि इस दिन आपको तुलसी में जल अर्पित नहीं करना है। आपको तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करके 11 बार 'ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ का जप करना है और माता तुलसी को प्राणाम करना है। इससे आर्थिक समस्या समाप्त हो जाएगी।
- इस दिन श्री सूक्त का पाठ करें, जिससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देंगी।
- कामिका एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी भेंट करें। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख- समृद्धि बनी रहेगी।
कामिका एकादशी पर ना करें ये गलतियां
- कामिका एकादशी व्रत रखने के एक दिन पूर्व से मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि व्रत रखना है तो एक दिन पहले से ही मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि को छोड़ देना चाहिए।
- कामिका एकादशी व्रत के दिन विष्णु पूजा के समय व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। व्रत कथा पढ़ने या सुनने से पाप नष्ट होते हैं और व्रत का महत्व भी पता चलता है।
- इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा के समय दो वस्तुएं कभी न भूलें। एक पंचामृत और दूसरा तुलसी के पत्ते। विष्णु पूजा में ये दोनों ही वस्तुएं आवश्यक हैं। तुलसी के पत्ते से श्रीहरि अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
- कामिका एकादशी व्रत की शाम को भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाना न भूलें। दीपक जलाने से पितरों को स्वर्ग लोक में अमृतपान का अवसर प्राप्त होता है और स्वयं को मृत्यु के बाद सूर्य लोक में स्थान प्राप्त होता है।