त्रिपुरा : 25 साल की वाम मोर्चा की सत्ता का अंत

By: Priyanka Maheshwari Sun, 04 Mar 2018 08:58:00

त्रिपुरा : 25 साल की वाम मोर्चा की सत्ता का अंत

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सहयोगी आईपीएफटी के साथ मिलकर त्रिपुरा में पिछले 25 साल से सत्ता में काबिज वाम मोर्चा को विधानसभा चुनाव में कड़ी शिकस्त देते हुए शनिवार को अजेय बहुमत हासिल की। भाजपा और उसकी गठबंधन पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर हुए चुनाव में 43 सीटें हासिल कर मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की अगुवाई वाली वाममोर्चा की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया।

भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि आईपीएफटी की झोली में 8 सीटें आई हैं।

गौरतलब है कि 2013 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को त्रिपुरा में एक भी सीट नहीं मिली थी जबकि कुल मतों का सिर्फ 1.5 फीसदी ही वोट भाजपा को मिले थे। जबकि इस चुनाव में भाजपा को 43 फीसदी मत मिले हैं। वहीं, आईपीएफटी को 7.5 फीसदी वोट मिले हैं

ढाई दशक प्रदेश की सत्ता में रही माकपा को 42.8 फीसदी मतों के साथ 14 सीटों पर जीत मिली है जबकि दो सीटों पर माकपा के उम्मीदवार ही बढ़त बनाए हुए थे। वाम मोर्चे को पिछले चुनाव में 50 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 10 सीट कांग्रेस के खाते में गई थीं। कांग्रेस को इस बार महज 1.8 फीसदी वोट मिले हैं जबकि पार्टी जीत का खाता खोलने से भी वंचित रही।

भाजपा ने त्रिपुरा में पहली बार जीत का परचम लहराया है और इस तरह असम, मणिपुर और नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के बाद त्रिपुरा में भी भाजपा व उसकी सहयोगी के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।

भाजपा के विजेताओं में राज्य इकाई के भाजपा अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब (बनामालीपुर), सुदीप रॉय बर्मन (अगरतला), रतनलाल नाथ (मोहनपुर), ए.रामपदा जमातिया (बगमा), दिलीप कुमार दास (बरजाला), दिबा चंद्र रांगकावल (करमचरा), आशीष कुमार साहा (बोरोवाली), रतन चक्रबर्ती (खायेरपुर), अतुल देबबर्मा (कृष्णपुर), सुशांत चौधरी (मजलिसपुर) हैं।

आईपीएफटी की ओर से आगे चल रहे उम्मीदवारों में नरेंद्र चंद्र देबबर्मा (तकराजला), मेवार कुमार जमातिया (आश्रमबाड़ी) और प्रशांत देबबर्मा (रामचंद्रघट) हैं।

दिग्गज वाम उम्मीदवारों में निवर्तमान जनजातीय कल्याण मंत्री अघोर देबबर्मा (आश्रमबाड़ी), परिवहन व ऊर्जा मंत्री मानिण्क डे (मजलिसपुर) वन एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेश चंद्र जमातिया (बगमा), उपसभापति पबित्रा कर (खायेरपुर) और मुख्य सचेतक बसुदेब मजूमदार (बेलोनिया) चुनाव हार गए।

वाम दल के विजेताओं में मुख्यमंत्री और माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य माणिक सरकार (धनपुर), स्वास्थ्य एवं लोककल्याण मंत्री बादल चौधरी (ऋषमुख), शिक्षा मंत्री तपन चक्रबर्ती (चांदीपुर), सूचना, खाद्य एवं नगारिक आपूर्ति मंत्री भानूलाल साहा (बिशालगढ़), खेल एवं युवा मामलों के मंत्री शाहिद चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष रामेंद्र चंद्र देबबर्मा और जेल मंत्री महिंद्रा रेंग शामिल हैं।

प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 290 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे जिनमें 23 महिलाएं थीं।

18 फरवरी को शांतिपूर्ण तरीके से हुए मतदान में कुल 92 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जो भारत के चुनाव इतिहास में एक मिसाल है।

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कांग्रेस ने हमसे गठबंधन न करने की भूल की : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को बहुमत मिलने पर शनिवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से त्रिपुरा में गठबंधन के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को नजरअंदाज करने की भूल की। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत नहीं, बल्कि मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की हार हुई है। उन्होंने दावा किया भाजपा को 2019 के आम चुनाव में करारी हार मिलेगी।

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