रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत के जश्न में हुई भगदड़ पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए गए हैं, जिनसे 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की तुलना महाकुंभ मेले की भगदड़ से की है।
उन्होंने कहा, "ऐसी घटनाएं कई जगह होती रहती हैं। कुंभ मेले में भी तो 50-60 लोग मारे गए थे। मैंने उस समय कोई आलोचना नहीं की। अगर कांग्रेस आलोचना करती है तो वह उनकी बात है। क्या मैंने या कर्नाटक सरकार ने कभी आलोचना की?" मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और गृहमंत्री जी परमेश्वर भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई है और 33 लोग घायल हुए हैं। यह एक अत्यंत दुखद घटना है, जिसे होने से रोका जाना चाहिए था। सरकार इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करती है। मृतकों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है जबकि घायलों का मुफ्त इलाज भी सुनिश्चित किया जाएगा।
सिद्धारमैया ने कहा कि इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद किसी को नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट किया, "मैं इस घटना का बचाव नहीं करना चाहता और हमारी सरकार इस पर राजनीति भी नहीं करेगी। मैंने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। लोगों ने स्टेडियम के गेट तोड़ दिए, जिससे भगदड़ फैल गई। स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 दर्शकों की है, लेकिन 2-3 लाख लोग मौके पर इकट्ठा हो गए थे।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "बेंगलुरु शहर की पूरी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था, जो पहले से ही सुरक्षा ड्यूटी पर थी। इस त्रासदी को रोका जाना चाहिए था। हम पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं। मैं जनता से अपील करता हूं कि वे समझें कि प्यार और स्नेह से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है जीवन, इसलिए सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दें।"
पुलिस को भारी संख्या में एक साथ स्टेडियम में प्रवेश करने की कोशिश करने वाली भीड़ को नियंत्रित करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी। बेंगलुरु पुलिस ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में केवल वैध टिकट या पासधारकों को ही प्रवेश मिलेगा। साथ ही यह भी कहा गया था कि स्टेडियम के पास पार्किंग की सुविधा सीमित है, इसलिए कार्यक्रम में भाग लेने वालों को सार्वजनिक परिवहन और मेट्रो का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।