1 मई से 18+ का टीकाकरण! राज्यों ने कहा - उनके पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं; केंद्र ने बताया- किसके पास कितना स्टॉक

By: Pinki Wed, 28 Apr 2021 3:46:15

1 मई से 18+ का टीकाकरण! राज्यों ने कहा - उनके पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं; केंद्र ने बताया- किसके पास कितना स्टॉक

देश में कोरोना का असर कम करने के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी है। देश में 18 और इससे ज्यादा उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन एक मई से शुरू होगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन आज से यानी 28 अप्रैल से शुरू होना है। हालांकि इस मिशन को मनचाही रफ्तार मिलने में देरी हो सकती है दरअसल, कुछ राज्यों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है ऐसे में हर जगह वैक्सीनेशन होना मुश्किल है। सरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय ने बुधवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1 करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध हैं।

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15,95,96,140 टीके निशुल्क उपलब्ध कराए हैं। इनमें से खराब होने वाले टीकों समेत कुल 14,89,76,248 टीकों की खपत हो चुकी है। उसने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1,06,19,892 और टीके उपलब्ध हैं। उसने कहा, ‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगले तीन दिनों में 57 लाख से अधिक और टीके मिलेंगे।’

वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त सचिव मनोहर अगहानी द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया है, 'मैन्यूफैक्चरर से वैक्सीन की 50% सप्लाई भारत सरकार के लिए होती है। ये टीके मौजूदा प्राथमिकता वाले लाभार्थियों के लिए ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिए जाएंगे, यानी इन टीकों से हेल्थ केयर वर्कर्स (HCWs), फ्रंट लाइन वर्कर्स (FLW) और 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति का ही वैक्सीनेशन हो सकता है।'

कहा गया है कि मैन्युफैक्चरर से वैक्सीन की बाकी 50% सप्लाई का इस्तेमाल राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकार, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के अस्पतालों में 18-44 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और झारखंड (कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन द्वारा शासित राज्य) के स्वास्थ्य मंत्रियों ने पूछा कि जब केन्द्र पहले ही 'स्टॉक पर कब्जा' कर चुका है और उनके पास खुराकें उपलब्ध नहीं तो वे सभी व्यस्कों को टीके कैसे लगाएंगे। उन्होंने कहा कि वे एक मई से टीकाकरण अभियान के अगले चरण के लिये तैयार हैं, लेकिन निर्माताओं ने उन्हें टीके की खुराकें उपलब्ध कराने में अक्षमता प्रकट की है।

राजस्थान सरकार ने कही ये बात

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, 'सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि वह 15 मई तक टीके उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है, तो हम 18 से 45 साल के लोगों को टीके कैसे लगाएंगे। हमारे पास टीके लगाने की क्षमता है लेकिन टीके नहीं हैं। राज्यों को आपूर्ति की जानी चाहिये। भारत सरकार को उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार टीके प्रदान करने चाहिये।'

छत्तीसगढ़ सरकार ने कही ये बात

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा, 'यदि टीके ही उपलब्ध नहीं हैं तो टीकाकरण कैसे किया जा सकता है? हम टीके कैसे मुहैया कराएंगे? हम हमें प्रदान किये गए टीकों के साथ टीकाकरण के लिये तैयार हैं।' उन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाकर राजनीति की जा रही है। देव ने कहा, 'देश को गुमराह किया जा रहा है। केन्द्र ने इसका मजाक बनाकर रख दिया है।'

पंजाब और झारखंड ने भी कही ये बात

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, 'हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। केन्द्र सरकार को टीके और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं प्रदान करनी चाहियें।'

सिद्धू ने कहा, 'यदि केन्द्र हमें सहयोग नहीं देगा तो हम टीकाकरण अभियान कैसे शुरू कर सकते हैं? हमारे पास बहुत कम टीके बचे हैं। केन्द्र को टीकों का आवंटन कर हमें प्रदान करने चाहिये।'

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रधानमंत्री पर महामारी के दौरान भी राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, 'हमारे जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री हर बात का राजनीतिकरण कर रहे हैं और हमें कोरोना वायरस से लोगों के बचाने तथा राजनीतिक लड़ाई समेत दो-दो मोर्चों पर जंग लड़नी पड़ रही है।'

उन्होंने कहा, 'केन्द्र सरकार ने (निर्माताओं) की उत्पादन क्षमता पर कब्जा कर लिया है और 150 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से खुराकें खरीदने का सौदा किया है। एक संविधान, एक कर की बात करने वाली सरकार टीकों के अलग-अलग दामों के जरिये महामारी के दौरान भी लाभ उठाने के प्रयास कर रही है।'

केंद्र ने बताया किसके पास कितना स्टॉक

महाराष्ट्र द्वारा टीकों की कमी का मुद्दा उठाए जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों के हवाले से मीडिया की कुछ खबरों में बताया गया कि राज्य में टीके खत्म हो गए हैं जिससे राज्य में टीकाकरण अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

मंत्रालय ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि महाराष्ट्र को 28 अप्रैल सुबह आठ बजे तक कोविड-19 रोधी टीकों की 1,58,62,470 खुराक दी गई। इनमें से खराब (0.22% ) होने वाले टीकों के साथ ही 1,53,56,151 टीकों की खपत हुई। राज्य के पास अब भी 5,06,319 टीके उपलब्ध हैं।’

बताया कि महाराष्ट्र को अगले तीन दिनों में 5 लाख टीके और भेजे जाएंगे। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, दिल्ली को 36 लाख 90 हजार 710 टीके मिले हैं और खराब होने वाले टीकों के साथ ही टीकों की कुल खपत 32 लाख 43 हजार 300 है। उसके पास अब भी 4 लाख 47 हजार 410 टीके उपलब्ध हैं और 1 लाख 50 हजार टीके दिए जाएंगे।

बंगाल और राजस्थान के पास कितना स्टॉक?

राजस्थान को अब तक 1,36,12,360 टीके दिए गए हैं। राज्य के पास अब 3 लाख 92 हजार 2 टीके उपलब्ध हैं और 2 लाख टीकों की आपूर्ति की जानी है।

उत्तर प्रदेश को 1,37,96,780 टीके दिए गए हैं और खराब होने वाले टीकों समेत कुल 1,25,03,943 टीकों की खपत हो चुकी है। राज्य के पास अब भी 12 लाख 92 हजार 837 टीके हैं तथा उसे 7 लाख और टीके दिए जाएंगे।

पश्चिम बंगाल को 1,09,83,340 टीके दिए गए हैं और उसके पास अब 2,92,808 टीके हैं तथा 4 लाख टीके दिए जाने हैं।

कर्नाटक को 94 लाख 47 हजार 900 टीके दिए गए और 91,01,215 टीकों की खपत हो चुकी है। उसके पास 3 लाख 46 हजार 685 टीके उपलब्ध हैं तथा 4 लाख और टीके दिए जाने हैं।

छत्तीसगढ़ को 59 लाख 16 हजार 550 टीके दिए गए हैं। राज्य के पास 3 लाख 38 हजार 963 टीके उपलब्ध हैं और 2 लाख टीकों की आपूर्ति की जाएगी।

18+ को वैक्सीनेट करने पर सियासत क्यों?


केंद्र सरकार ने कोवीशील्ड के लिए सीरम इंस्टीट्यूट और कोवैक्सिन के लिए भारत बायोटेक से 150 रुपए प्रति डोज की कीमत चुकाने की डील की है। वहीं राज्यों के लिए कोवीशील्ड का एक डोज 400 रुपए का और कोवैक्सिन का एक डोज 600 रुपए का पड़ेगा। कंपनियों ने यह कीमत तय की है। अब इसे लेकर कई सवाल खड़े हुए है लेकिन इसका जवाब फ़िलहाल किसी के बाद नहीं है।

केंद्र और राज्यों की सरकारों के लिए अलग-अलग कीमत क्यों? केंद्र खुद खरीदकर राज्यों को वैक्सीन डोज उपलब्ध क्यों नहीं करा रहा? राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को मिलने वाले वैक्सीन डोज का बंटवारा कैसे होगा? इस पर भी सियासत गरमा गई है।

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