टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने उस खुलासे से सबको चौंका दिया है, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी ठुकरा दी थी। बुमराह का कहना है कि उन्होंने यह फैसला अपने वर्कलोड और टीम के हित को ध्यान में रखकर लिया। इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में की, जबकि इससे पहले बीसीसीआई की तरफ से अलग ही बात सामने रखी गई थी।
IPL के दौरान हुआ था प्रस्ताव, बुमराह ने खुद किया इनकार
जसप्रीत बुमराह ने Sky Sports को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि आईपीएल 2025 के दौरान बीसीसीआई ने उन्हें टेस्ट टीम की कप्तानी का प्रस्ताव दिया था। यह प्रस्ताव उस समय आया था जब बोर्ड रोहित शर्मा के बाद टीम को नया लीडर देने की दिशा में सोच रहा था। लेकिन बुमराह ने इसे विनम्रता से ठुकरा दिया।
उन्होंने कहा, "आईपीएल के दौरान मैंने बीसीसीआई से बात की थी। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के वर्कलोड को लेकर मैंने अपने मेडिकल और फिटनेस सलाहकारों से भी बातचीत की थी। सबकी राय यही थी कि अगर मैं लंबे समय तक खेलना चाहता हूं तो मुझे समझदारी से काम लेना होगा। इसलिए मैंने खुद बीसीसीआई को कॉल करके कहा कि मुझे कप्तानी के लिए न देखा जाए।"
टीम की भलाई को प्राथमिकता दी
बुमराह का मानना है कि अगर वह सभी टेस्ट मैच नहीं खेल सकते तो कप्तानी लेना टीम के लिए ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं हो सकता कि कोई तीन टेस्ट खेले और फिर कोई और कप्तानी करे। यह टीम के लिए सही नहीं है। मैंने टीम को प्राथमिकता दी और कप्तानी ठुकरा दी।"
बुमराह का यह फैसला उस दृष्टिकोण को दर्शाता है जहां खिलाड़ी सिर्फ व्यक्तिगत प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि टीम के संतुलन को भी ध्यान में रखते हैं।
अजित अगरकर का था अलग बयान
हालांकि, बुमराह के इस बयान से कुछ दिन पहले चयन समिति के अध्यक्ष अजित अगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि बीसीसीआई ने खुद बुमराह को कप्तानी के दबाव से दूर रखने का फैसला किया था। अगरकर ने कहा था कि, "हमने महसूस किया कि बुमराह का फिट रहना टीम के लिए ज्यादा जरूरी है। कप्तानी एक अतिरिक्त बोझ होता है और हम चाहते थे कि वह गेंदबाजी पर फोकस करें।"
अगरकर ने यह भी बताया था कि बुमराह इस फैसले से पूरी तरह सहमत थे। लेकिन अब खुद बुमराह के बयान से साफ हो गया है कि कप्तानी ना करने का निर्णय खुद उन्होंने लिया था, न कि यह पूरी तरह बोर्ड का फैसला था।
चोटों से जूझते रहे हैं बुमराह
गौरतलब है कि बुमराह बीते कुछ सालों से पीठ और अन्य चोटों के कारण लगातार क्रिकेट से बाहर होते रहे हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024–25 के अंतिम टेस्ट में वह बीच सीरीज से हट गए थे, और इसके बाद वह चैम्पियंस ट्रॉफी भी नहीं खेल पाए थे, जिसे भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में जीता।
फिलहाल गिल संभालेंगे टेस्ट कप्तानी
बुमराह के इनकार के बाद बीसीसीआई ने टेस्ट टीम की कप्तानी शुभमन गिल को सौंपी है। गिल को भविष्य का कप्तान मानकर देखा जा रहा है और इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में वह पहली बार बतौर कप्तान उतरेंगे।
जसप्रीत बुमराह का कप्तानी से इनकार यह दर्शाता है कि वह खुद को टीम के लिए अधिक उपयोगी एक गेंदबाज के रूप में देखते हैं, न कि लीडरशिप के बोझ तले दबे हुए खिलाड़ी के रूप में। जहां एक ओर बीसीसीआई का रुख उन्हें कप्तानी से दूर रखने का था, वहीं बुमराह ने खुद पहल करके यह निर्णय लिया—जो उनकी सोच की परिपक्वता और टीम के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वह भले कप्तान न हों, लेकिन उनकी भूमिका मैच विनर की जरूर बनी रहेगी।