इन तीन वजहों से आ सकती है भारत में कोरोना की तीसरी लहर

By: Pinki Fri, 14 May 2021 1:57:51

इन तीन वजहों से आ सकती है भारत में कोरोना की तीसरी लहर

भारत इस समय कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। दूसरी लहर में भारत में एक ही दिन में 4 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। दूसरी लहर इतनी तेज रहेगी इसका अंदाजा पहले नहीं लगाया गया था। हालाकि, अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूसरी लहर का पीक अब गुजर चुका है और रोजाना मिलने वाले मरीजों के आंकड़ों में धीरे-धीरे गिरावट आने लगेगी। भारत में कोरोना वायरस के जिन तीन वैरिएंट या प्रकार ने सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचाया है उनमें बी117, बी1618 और बी1167 शामिल है। इनमें बी1167 को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने सबसे अधिक खतरनाक माना है। संगठन का कहना है कि इस वैरिएंट से संक्रमण बड़ी तेजी से फैलता है। शायद यही वजह है कि जानकार कहते हैं कि भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर में देश की लगभग 50% आबादी इसी संक्रमण के गिरफ्त में आई है।

बी1167 का सबसे ज्यादा प्रकोप महाराष्ट्र में देखने को मिला है। इसके अलावा भी कई अन्‍य राज्‍यों में इसकी वजह से काफी नुकसान हुआ है। मौजूदा समय में देश के अधिकतर राज्‍यों में इस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं। इसका सबसे अधिक असर मरीज के फैंफड़ों पर पड़ता है। कैब्रिज यूनिवर्सिटी के मुताबिक वायरस का ये वैरिएंट का प्रभाव इस कदर व्‍यापक था कि ये अब से पहले सामने आए सभी वैरिएंट पर भारी पड़ा। इसके संक्रमण की रफ्तार भी पहले के मुकाबले काफी तेज थी। विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि इसका प्रमुख कारण ये भी हो सकता है कि बी1617 दूसरे वैरिएंट के मुकाबले अधिक अनुकूलन क्षमता रखता है।

तीसरी लहर की आशंका

वहीं, भारत में अब तीसरी लहर आने की आशंका भी जताई जा रही है। ज्‍यादातर एक्सपर्ट्स इस आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं कि भारत में तीसरी लहर आएगी। अधिकतर जानकारों का कहना है कि भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर इस वर्ष सितंबर के बाद आ सकती है। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है।

तीन बातों पर निर्भर करती तीसरी लहर

सफदरजंग अस्‍पताल में कम्‍यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर और डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि भारत में महामारी की जिस तीसरी लहर के आने की आशंका जताई जा रही है वो मुख्‍य रूप से तीन बातों पर निर्भर करती है।

सबसे पहला कारण हो सकता है वायरस का म्‍यूटेशन यानी वायरस में होने वाला बदलाव।

दूसरा कारण जिन लोगों का अब तक टीकाकरण हुआ है सितंबर तक उनकी इम्‍यूनिटी वीक हो जाए और वो दोबारा संक्रमण के शिकार हो जाएं।

इस तीसरी लहर का एक कारण ये भी हो सकता है कि हमारे देश में जो बच्‍चे पैदा हो रहे हैं या नवजात शिशु इसके संक्रमण के शिकार हो जाएं।

प्रोफेसर डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि जिस तीसरी लहर की आशंका से अभी देश सहमा हुआ है उसको समय रहते रोका जा सकता है। इसके लिए हमें उन परिस्थितियों और कारकों पर ध्‍यान देगा। जिस तरह से बच्‍चों के तीसरी लहर की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है ऐसे में बच्चों को समय रहते वैक्सीन लगा दी जाती है तो तीसरी लहर से बचा जा सकता है।

दूसरा ये भी है कि हम कोरोना के नियमों का इमानदारी के साथ पालन करें। मौजूदा समय में ये जरूरी है कि हम लोग घरों में भी मास्‍क पहन कर रहें। यदि किसी को जरा भी ऐसा लगता है कि उसकी तबियत ठीक नहीं है तो वो खुद को एक कमरे में आइसोलेट कर ले। इसके साथ साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाए।

24 घंटे में 3.43 लाख नए कोरोना केस, 4000 मौतें

आपको बता दे, देश में कोरोना संक्रमण के मामले अब धीरे-धीरे कम हो रहे है। पिछले 24 घंटे में मिले मरीजों की बात करे तो यह आंकड़ा 3 लाख 43 हजार 144 रहा जबकि 3 लाख 44 हजार 776 ठीक हो गए और 4000 मरीजों की मौत हो गई।

कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 9 मई को 37.41 लाख थी, जो अब घटकर 37 लाख हो गई है। गुरुवार को इसमें 5,753 की कमी आई।

देश में ठीक हो चुके कोरोना मरीजों की संख्या 2 करोड़ से ज्यादा हो गई है। महाराष्ट्र में गुरुवार को सबसे ज्यादा 42 हजार 582, केरल में 39 हजार 955, कर्नाटक में 35 हजार 297 और तमिलनाडु में 30 हजार 621 नए केस दर्ज किए गए।

सरकार ने कहा है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार समेत 20 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं, जहां रोज आने वाले कोविड-19 मामलों में स्थिरता या कमी देखी जा रही है।

वहीं केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और मणिपुर उन 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जहां केस लगातार बढ़ रहे हैं। देश में अब तक 17.92 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई गई है, जिसमें 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है।

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए अब तक 31,13,24,100 सैंपल की टेस्टिंग की जा चुकी है। ICMR के मुताबिक, गुरुवार को देश भर में 18,75,515 सैंपल की जांच की गई।

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