जयपुर। राजस्थान विधानसभा में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बन गई है। सरकार की ओर से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को वार्ता के लिए बुलाया गया, जिसके बाद विधानसभा में मुख्यमंत्री के चैंबर में सीएम भजनलाल, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और नेता प्रतिपक्ष के बीच बातचीत हुई। इस बातचीत के बाद सात दिन से जारी गतिरोध को खत्म करने का निर्णय लिया गया।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन से माफी मांग ली। विपक्ष के सदस्यों के आसन के अपमान को लेकर माफी मांगी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा आसन सर्वोपरी है। सम्मान करना हम सब की जिम्मेदारी है। इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, रफीक खान, संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल, श्रीचंद कृपलानी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से वार्ता करने पहुंचे। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, भाजपा विधायक पुष्पेन्द्र सिंह बाली, चंद्रभान आर्या, दीप्ति माहेश्वरी, निर्दलीय विधायक रवींद्र सिंह भाटी भी मुख्यमंत्री के कक्ष में पहुंचे। सदन में गतिरोध खत्म करने को लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से संपर्क साधा था।
दरअसल, गुरुवार सुबह से ही गतिरोध खत्म करने के प्रयास किए जा रहे थे। पहले कांग्रेस मुख्य सचेतक रफीक खान ने संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल से लंबी चर्चा की। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष को बातचीत के लिए बुलाया गया। इस सकारात्मक वार्ता में गतिरोध तोड़ने पर सहमति बनी। बता दें, अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का भी बजट पर भाषण होगा।
CM भजनलाल की पहल पर टूटा गतिरोध
बताया जा रहा है कि विधानसभा में गतिरोध तोड़ने के लिए सीएम भजनलाल और पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बीच पहले बातचीत हुई, इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को वार्ता के लिए बुलाया गया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के कक्ष में हुई इस बातचीत के बाद गतिरोध खत्म करने पर दोनों पक्षों में सहमति बनी।
ये भी बताया जा रहा है कि इसी बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ राजस्थान अध्यक्ष मदन राठौड़ भी स्पीकर देवनानी से मिलने विधानसभा पहुंचे हैं। इसी बीच कांग्रेस के सभी विधायकों को विधानसभा बुला लिया गया है।
पूरा मामला 6 विधायकों के निलंबन से जुड़ा हुआ है। जिन 6 विधयाकों का निलंबन हुआ है, उनकी वापसी की मांग कांग्रेस नेताओं की ओर से की गई थी। इसकी शुरुआत भी हो चुकी थी लेकिन फिर खेद प्रकट किए जाने को लेकर बात अटक गई थी। विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने घटना को खेदजनक बताया। वहीं स्पीकर की ओर से कहा गया कि डोटासरा ‘खेद प्रकट करता हूं’ बोलें। इसी को लेकर बात बिगड़ गई थी।
कांग्रेस के ये छह विधयाक हुए हैं निलंबित
पूरे सत्र के लिए कांग्रेस के जिन छह विधायकों का निलंबन हुआ है, उसमें गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, हाकम अली खान, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत और संजय कुमार के नाम शामिल हैं।
इससे पहले, कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को भी विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। कांग्रेस के विधायक विधानसभा परिसर के बाहर सड़क पर धरने पर बैठे रहे।