नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रगति और रणनीति को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब भारत ने पाकिस्तान के हालिया ड्रोन और मिसाइल हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख, थल सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख मौजूद रहे।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में प्रधानमंत्री को सीमा पार से हो रहे हमलों, भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई और अब तक की रणनीतिक तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी गई। गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में प्रधानमंत्री मोदी की यह दूसरी बैठक थी जिसमें वे सेना और सुरक्षा एजेंसियों के उच्च अधिकारियों के साथ सीधे संपर्क में रहे।
पाकिस्तान के खिलाफ सटीक जवाबी कार्रवाई
इससे पहले शनिवार को विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने भारत के कई सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज एयरबेस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। पाकिस्तान ने रात 1:40 बजे हाई-स्पीड मिसाइलों से पंजाब के एयरबेस को निशाना बनाया और स्वास्थ्य सुविधाओं और स्कूलों पर भी हमला किया गया।
भारतीय वायुसेना की तत्परता और जवाब
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि एयर फोर्स स्टेशन सिरसा और सूरतगढ़ पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने हमलों के बाद की ताजा तस्वीरें भी साझा कीं। भारत ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के रफीकी, मुरीद, चकलाला और रहमयार खान जैसे प्रमुख सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके साथ ही सियालकोट एयरबेस को भी सफलतापूर्वक टारगेट किया गया।
रणनीति और सख्ती दोनों पर फोकस
यह स्पष्ट हो चुका है कि प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से हर गतिविधि की निगरानी कर रहे हैं और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की तैयारी पूरी है। सरकार इस बार सिर्फ रक्षा नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के साथ पाकिस्तान की हर दुस्साहसी हरकत का जवाब देने के मूड में है।