भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करने जा रहे हैं। यह संबोधन हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी का पहला सार्वजनिक वक्तव्य होगा। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में आई तल्खी के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा हालात पर नजर रखने के लिए कई उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की है और लगातार सेना प्रमुखों, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) से फीडबैक लेते रहे हैं।
लगातार चार दिनों तक चले तनाव के बाद आखिरकार शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा कर दी गई। इसके साथ ही सीमा पर हालात में कुछ राहत महसूस की गई। भारत की ओर से आतंकवादियों के खिलाफ की गई जवाबी कार्रवाई के चलते हालात काफी नाजुक बन गए थे और दोनों देशों के बीच संघर्ष की आशंका गहराने लगी थी। हालांकि, फिलहाल संघर्ष पर विराम लग गया है। लेकिन ये संघर्ष विराम कितना टिकाऊ होगा, यह आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों और डीजीएमओ (DGMO) स्तर की बातचीत पर निर्भर करेगा।
"हम अगले मिशन के लिए तैयार हैं" - DGMO का बयान
सीजफायर के बाद आज तीनों सेनाओं के डीजीएमओ (DGMO) ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में जानकारी दी। इसमें सेना के शीर्ष अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भले ही युद्धविराम की घोषणा हो गई हो, लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट है और अगली किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार है। रविवार को भी DGMO स्तर की बैठक हुई थी। हालांकि शांति की घोषणा की गई है, मगर जमीनी हकीकत ये है कि तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। सेना का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और जरूरत पड़ने पर किसी भी चुनौती का मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा। भारतीय सेना को खुली छूट दी गई है कि अगर पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन करता है, तो भारतीय सेना तुरंत जवाब दे सकती है।
भारत ने 7 से 10 मई के बीच दिखाई सख्ती, पाकिस्तान पर बना दबाव
7 मई से 10 मई के बीच भारत ने पाकिस्तान को सख्त और करारा जवाब दिया। हालात ऐसे बन गए कि अगर पाकिस्तान संघर्ष विराम नहीं करता, तो उसकी स्थिति अस्थिर हो सकती थी। तीन दिनों में घटनाक्रम ने तेजी से करवट ली। दस मई को संघर्ष रुक गया, जो चार दिनों से लगातार जारी था। अमेरिका की मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार हुए। लेकिन इस समझौते के चंद घंटे बाद ही पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया, जिसका भारत ने तुरन्त जवाब भी दिया।