धौलपुर। राजस्थान के डकैती प्रभावित क्षेत्र न्यायालय, धौलपुर ने करीब 17 साल पुराने लूट के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों को आजीवन कारावास और प्रत्येक पर ₹50,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला न्यायाधीश राकेश गोयल की अदालत ने सोमवार को सुनाया।
घटना का विवरण
विशिष्ट लोक अभियोजक मुकेश सिकरवार ने बताया कि यह मामला 19 अगस्त 2008 का है। धौलपुर जिले के सैंपऊ थाना क्षेत्र में स्थित फूटे की नगला पुलिया के पास, संतोष पुत्र रामबाबू निवासी कुनकुटा, बसेड़ी और उनके साथी हरिसिंह के साथ हथियारबंद बदमाशों ने मारपीट और लूटपाट की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, चौब सिंह, फतेह सिंह, रामवीर, मुकेश, नेमी और पप्पोसी नामक आरोपियों ने मोबाइल फोन, घड़ी और नकदी लूट ली थी। मामले की रिपोर्ट सैंपऊ थाने में दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच कर अदालत में चालान पेश किया।
अदालत का फैसला और सजा का विवरण
लंबी कानूनी प्रक्रिया और बहस के बाद, सोमवार को फतेह सिंह, चौब सिंह और रामवीर को दोषी पाया गया और आजीवन कारावास की सजा दी गई। इसके साथ ही तीनों पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। यदि आरोपी अर्थदंड नहीं भरते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त तीन वर्ष का कठोर कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी, यानी समवेत रूप से लागू होंगी।
अन्य आरोपियों की स्थिति
आरोपी मुकेश और नेमी अब तक फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। जबकि आरोपी पप्पोसी की मृत्यु हो चुकी है और उसके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त मानी गई है।
लोक अभियोजक की प्रतिक्रिया
इस निर्णय को लेकर लोक अभियोजक मुकेश सिकरवार ने कहा, “यह फैसला न्याय और पीड़ित के विश्वास की जीत है। कोर्ट ने गंभीर अपराध को ध्यान में रखते हुए दोषियों को कठोर सजा दी है, जिससे समाज में अपराधियों को स्पष्ट संदेश जाएगा।”