देश में कोरोना वायरस से हर दिन हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। मध्यप्रदेश की बात करे तो गुरुवार को 4,324 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए, 2296 लोग रिकवर हुए और 27 की मौत हो गई। अब तक यहां 3 लाख 22 हजार 338 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 2 लाख 90 हजार 165 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 4113 की मौत हो गई। अभी 28 हजार 60 मरीजों का इलाज चल रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ-साथ इस महामारी से होने वाली मौतों का भी आंकड़ा बढ़ते जा रहा है। ऐसे में भोपाल में पहली बार एक ही दिन में 41 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार हुआ। गुरुवार को भदभदा विश्राम घाट पर 36 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। इसमें कोरोना संक्रमित 31 शवों का प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। 13 शव भोपाल के और 18 बाहर के थे। ये प्रदेश में एक दिन में किसी एक शहर में कोविड मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
पहली बार भदभदा विश्रामघाट पर कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार के लिए तय की गई जगह छोटी कम पड़ गई और नई जगह तैयार करनी पड़ी। 36 शवों के बाद भी विश्रामघाट में 8 परिवार शव लाने के लिए फोन कर रहे थे, जिन्हें रात हो जाने के चलते अगले दिन आने के लिए समझाया गया। वहीं, भोपाल के कोलार इलाके में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आज शाम 6 बजे से 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। कोलार इलाके की आबादी ढाई लाख से ज्यादा है। यहां अभी 1,800 एक्टिव केस हैं।
8 महीने की बच्ची की मौत
भोपाल में कोरोना से 8 महीने की बच्ची की मौत का पहला मामला भी सामने आया है। एम्स भोपाल में भर्ती 8 महीने की अदीबा की गुरुवार को मौत हो गई। कोरोना संक्रमित मिलने के वह 12 दिन से एम्स में भर्ती थी। भोपाल में कोरोना से ये सबसे कम उम्र के मरीज की मौत है। अदीबा परिवार की इकलौती बच्ची थी। घरवालों के मुताबिक उसे बुखार था और शरीर में झटके लग रहे थे, इसलिए 27 मार्च को एम्स ले गए। हैरानी की बात ये है कि घर में और कोई संक्रमित नहीं था।