अप्रैल में कोरोना से हो गई मौत, जुलाई में उसी को लगा दी वैक्सीन की दूसरी डोज; जानें प्रशासन की घोर लापरवाही का ये चौकाने वाला मामला

By: Pinki Mon, 19 July 2021 2:35:49

अप्रैल में कोरोना से हो गई मौत, जुलाई में उसी को लगा दी वैक्सीन की दूसरी डोज; जानें प्रशासन की घोर लापरवाही का ये चौकाने वाला मामला

कोरोना काल में प्रशासन की घोर लापरवाही और अव्यवस्था के कई मामले सामने आए है। ताजा मामला गुजरात के बनासकांठा जिले से सामने आया है। यहां, वर्सीभाई परमार के मोबाइल पर 14 जुलाई को आया एक बधाई संदेश उनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया। दरअसल, इसी साल 23 अप्रैल को उनके पिता 70 वर्षीय हरिजी लक्ष्मण परमार की कोरोना से मौत हो गई थी। लेकिन 14 जुलाई को उनके मोबाइल पर एक संदेश आया जिसमें लिखा था, बधाई हो, आपके पिता को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक भी लग गई। यह संदेश मिलने के बाद वर्सीभाई के गुस्सा और क्षोभ का ठिकाना न रहा और उनके मन में दबा हुआ दर्द एक बार फिर झलक गया। वर्सीभाई कहते है कि अगर उनके पिता को उस समय अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन मिल जाती तो वे आज जिंदा होते। वर्सी ने कहा, वैक्सीन प्रबंधन पर यह भारी कोताही और इस सिस्टम की लापरवाही मेरे पिता की मौत का मजाक है। काश अगर उन्हें पहले वैक्सीन मिल जाती तो शायद उनकी जान बच जाती।

पहली खुराक भी नहीं लगी थी

टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक वर्सीभाई ने कहा, मेरे पिता को वैक्सीन की पहली खुराक भी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि यह जले पर नमक छिड़कने जैसा है। वर्सीभाई ने बताया कि उन्हें अपने पिता के इलाज के लिए तीन दिनों तक इस अस्पताल से उस अस्पताल चक्कर काटना पड़ा।

उन्होंने कहा, पालनपुर सिविल अस्पताल में अस्पताल के बाहर सैकड़ों मरीज इधर-उधर पड़े हुए थे। कई को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मेरे पिता के लिए वहां बेड नहीं मिला। तीन दिन की मशक्कत के बाद मैंने थराड में एक निजी अस्पताल में पिताजी को भर्ती कराया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और ऑक्सीजन सैचुरेशन की कमी के कारण उनकी मौत हो गई। जिस दिन भर्ती करवाया उसके तीन दिन बाद यानी 23 अप्रैल को उनकी मौत हो गई।

हरिजी के दामाद शिवराम ने कहा, राज्य प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में सही आदमी को टीका लगे और सही आदमी को इसके बारे में मैसेज मिले।

बनासकांठा जिले के साइगम तालुका में रादोसन गांव के रहने वाले वर्सीभाई कहते हैं, एक व्यक्ति इलाज के अभाव में मर जाता है और विडंबना यह है कि सिस्टम उन्हें कोविड-19 की वैक्सीन लगा रहा है। आखिर वह क्या हासिल करना चाहते हैं। बता दे गुजरात में इस तरह की भूल का यह पहला मामला नहीं है। कई व्यक्तियों को कोविन एप से मैसेज भेजे जा रहे हैं। इनमें से कई की मौत भी हो चुकी है।

ये भी पढ़े :

# कोरोना के कारण खराब होते जा रहे इंडोनेशिया के हालात, रोज मिल रहे 57 हजार से ज्यादा मरीज

# भारत वि. श्रीलंका : पहले वनडे में ईशान किशन और शिखर धवन ने लगा दी रिकॉर्डों की झड़ी, देखें…

# अमेरिका के लिए चिंता का कारण बनी दवाओं की ओवरडोज, 93 हजार लोगों ने गंवाई अपनी जान

# Coronavirus: इन राज्यों ने कोरोना पर पाया काबू, रोजाना मिलने वाले मरीजों की संख्या 50 से भी कम

# केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और असम समेत इन राज्यों में अभी भी कहर बरपा रहा कोरोना

# लगातार 4 दिन इन शहरों में बंद रहेंगे बैंक, घर से निकलने से पहले फटाफट चेक करें लिस्ट

# ट्रैक पार करते समय ट्रेन के आगे गिरा बुजुर्ग, लोको पायलट ने सही समय पर लगाया ब्रेक, बची जान

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com