दौसा। राज्य सरकार की पेपर लीक मामलों में जीरो टोलरेंस नीति का अब असर दिखने लगा है। पेपर लीक मामलों में शामिल आरोपियों के खिलाफ अब पुलिस और प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है। शनिवार को दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव ने पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले के सरगना पटवारी हर्षवर्धन को राज्य सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले आरोपी की पत्नी सरिता मीना को भी भीलवाड़ा के तत्कालीन जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बर्खास्त किया था।
दौसा जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव ने बताया कि शुक्रवार शाम को आदेश जारी कर पेपर लीक मामले के आरोपी पटवारी को राज्य सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, आरोपी द्वारा अपनी काली कमाई से बनाई गई अवैध संपत्ति पर आगामी आदेश के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। बता दें कि दौसा जिले का निवासी आरोपी हर्षवर्धन मीना राज्य सेवा में पटवारी के पद पर तैनात था और पेपर लीक गैंग से जुड़ा हुआ था।
आरोपी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय में हुई जेईएन भर्ती 2020, पटवारी भर्ती सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक किए थे। इस दौरान आरोपी ने पेपर लीक से कमाई अपनी काली कमाई से करोड़ों रुपए की संपत्ति में निवेश कर दिए थे।
नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार
पेपर लीक मामले में नाम आते ही आरोपी पटवारी हर्षवर्धन फरार हो गया था। इस दौरान आरोपी कई दिनों तक एसओजी के साथ लुका-छिपी का खेल खेलता रहा। एसओजी की टीम लगातार पेपर लीक के सरगना हर्षवर्धन की तलाश में उनके ठिकानों पर दबिश देती रही। आरोपी के महुआ तहसील में स्थित गांव में भी कई बार दबिश दी गई, लेकिन आरोपी एसओजी की आंखों में धूल झोंकता रहा।
एसआईटी को सूचना मिली कि पेपर लीक मामले का सरगना पटवारी हर्षवर्धन मीना नेपाल भागने की फिराक में है। इस दौरान एसआईटी की टीम ने आरोपी को नेपाल भागने से पहले ही नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया। वहीं, आरोपी की पत्नी सरिता ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में खुद की जगह डमी कैंडिडेट बैठाकर एसआई भर्ती परीक्षा पास की थी। एडीजी वीके सिंह ने बताया कि अब तक एसआई भर्ती परीक्षा में शामिल 45 आरोपियों सहित कुल 86 राज्यकर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं, शेष 189 राज्यकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच प्रक्रियाधीन है।