टेलिकॉम इंडस्‍ट्री के हाथ लगी निराशा, मोदी कैबिनेट ने राहत पैकेज को नहीं दी मंजूरी

By: Pinki Wed, 08 Sept 2021 3:22:52

टेलिकॉम इंडस्‍ट्री के हाथ लगी निराशा, मोदी कैबिनेट ने राहत पैकेज को नहीं दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक (Cabinet Meeting) में आज टेलिकॉम इंडस्‍ट्री को निराशा हाथ लगी है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में टेलिकॉम इंडस्‍ट्री (Telecom Industry) के लिए राहत पैकेज को मंजूरी नहीं दी गई है। बाजार को उम्‍मीद थी कि केंद्र सरकार टेलिकॉम सेक्‍टर को संकट से उबारने के लिए बड़ी मदद करने का फैसला ले सकती है। माना जा रहा था कि आज की कैबिनेट मीट में एजीआर (AGR) की नई परिभाषा को मंजूरी मिल सकती है। उम्‍मीद थी कि केंद्र सरकार कंपनियों को सिर्फ टेलिकॉम सेवाओं पर एजीआर देने का प्रावधान कर सकती है। इसके साथ ही कंपनियों की लाइसेंस फीस में कटौती की भी उम्मीद की जा रही थी। इन उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद जोश में चल रहे टेलिकॉम सेक्टर से जुड़े शेयरों (Telecos Stocks) में आज कमजोरी हावी हो गई है। आइडिया (Idea), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और इंडस टॉवर जैसे शेयरों में गिरावट दिखी है।

टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI स्कीम

आपको बता दे, मोदी कैबिनेट ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दे दी है। यह स्कीम मानव निर्मित फाइबर सेगमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए है। मैनमेड फाइबर अपेरल के लिए 7,000 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है और करीब 4,000 करोड़ रुपए टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए आवंटित गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इस फैसले से 7 लाख लोगों के लिए नौकरी के अवसर बनेंगे। साथ ही निर्यात में भी तेजी आएगी। भारत के कपड़ा निर्यात में मैन मेड फाइबर यानी MMF का योगदान महज 20% है। टेक्सटाइल कंपनियां साल-दर-साल अपना उत्पादन में जितना बढ़ोतरी करेंगी, उस बढ़ोतरी के आधार पर सरकार इनको इंसेंटिव देगी। भारत के कपड़ा उद्योग की बात करें तो वर्तमान में कॉटन का योगदान 80% और MMF का योगदान महज 20% है। दुनिया के अन्य देश इस मामले में हमसे काफी आगे हैं। ऐसे में इस सेगमेंट और सेक्टर को प्रमोट करने की जरूरत है। पीएलआई स्कीम एक मजबूत कदम होगा।

क्या है PLI स्कीम

केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की है। इसके जरिए कंपनियों को भारत में अपनी यूनिट लगाने और एक्सपोर्ट करने पर विशेष रियायत के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी दी जाती है। पीएलआई स्कीम की मदद से ग्लोबल इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया जा रहा है। इससे रोजगार के अवसर पैदा हो रहे है।

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