19 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार सीमित दायरे में कारोबार करते हुए मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। जहां एक ओर ब्लू-चिप शेयरों में ज्यादा हलचल नहीं दिखी, वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों को बिकवाली के दबाव का सामना करना पड़ा। हालांकि ऑटो सेक्टर ने बाजार को थोड़ी राहत दी और दिन का एकमात्र सेक्टोरल गेनर रहा।
वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजार में सीमित हलचल
19 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन पूरे सत्र के दौरान कारोबार सीमित दायरे में रहा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कड़ी टिप्पणियों और मध्य पूर्व में जारी भू-राजनीतिक तनाव ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला। बाजार की शुरुआत थोड़ी सकारात्मक रही, लेकिन जल्द ही बिकवाली का दबाव हावी हो गया, जिससे प्रमुख इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स और निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंद
दिन के अंत में सेंसेक्स 82.79 अंक या 0.10 फीसदी की गिरावट के साथ 81,361.87 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 18.80 अंक या 0.08 फीसदी की गिरावट के साथ 24,793.25 के स्तर पर क्लोज हुआ। दिनभर के कारोबार में लगभग 928 शेयरों में तेजी आई, वहीं 2,907 शेयरों में गिरावट और 133 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। यह संकेत देता है कि बाजार में बिकवाली का दबाव व्यापक रहा।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी दबाव
सत्र के दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अपेक्षाकृत ज्यादा कमजोरी दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में करीब 1.5 फीसदी की गिरावट आई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उच्च वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स पर निवेशकों की चिंता बढ़ रही है। ये शेयर पूरे दिन दबाव में रहे और भारी बिकवाली का सामना करते रहे।
ऑटो सेक्टर ने दिखाई मजबूती, अन्य सेक्टर रहे कमजोर
जहां ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, वहीं निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने पूरे दिन मजबूती दिखाई और 0.50 फीसदी की बढ़त दर्ज की। यह इकलौता सेक्टर था जिसने सकारात्मक प्रदर्शन किया। ऑटो कंपनियों के बेहतर तिमाही अनुमानों और त्योहारी मांग की उम्मीदों के चलते इस सेक्टर में खरीदारी देखी गई।
टॉप गेनर्स और लूजर्स में दिखा मिला-जुला रुझान
दिन के टॉप गेनर्स में टाटा कंज्यूमर, आयशर मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, विप्रो और अपोलो हॉस्पिटल्स शामिल रहे, जिन्होंने बाजार को कुछ हद तक सहारा दिया। दूसरी ओर, अडानी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, कोल इंडिया और अडानी एंटरप्राइजेज में गिरावट देखी गई, जिससे निफ्टी पर दबाव बना रहा।
सार्वजनिक बैंक, मीडिया और रियल एस्टेट शेयरों में भारी गिरावट
निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2 फीसदी की गिरावट आई, जो पूरे दिन का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेक्टर रहा। इसके अलावा, मीडिया इंडेक्स 1.78 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स 1.55 फीसदी गिरा। ये गिरावट इस संकेत को दर्शाती है कि इन क्षेत्रों में निवेशकों का भरोसा कमजोर हो रहा है, विशेषकर वर्तमान आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच।
निवेशकों के लिए सतर्कता बरतने का समय
आईटी और मेटल सेक्टर भी कमजोर रहे। निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.96 फीसदी और निफ्टी मेटल इंडेक्स में 1.21 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट दर्शाती है कि वैश्विक आर्थिक संकेतों, विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति पर निवेशकों की नजर बनी हुई है। वर्तमान स्थिति में निवेशकों के लिए सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।
बाजार की आगे की दिशा वैश्विक कारकों पर निर्भर
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार की आगे की दिशा अब वैश्विक आर्थिक आंकड़ों, ब्याज दरों के फैसले और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे फंडामेंटली मजबूत शेयरों में ही निवेश करें और भावनात्मक निर्णयों से बचें।