मल त्यागने के दौरान दिख सकते हैं कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण, सही समय पर पहचान तो बच जाएगी जान
By: Priyanka Maheshwari Mon, 21 Feb 2022 1:49:21
जिन लोगों को मल त्यागने के दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे कोलन कैंसर या रेक्टल कैंसर जिम्मेदार हो सकते है। बता दें कि हमारी पाचन प्रणाली भोजन को पचाती है और उसमें से पोषक तत्वों को अवशोषित करती है। ग्रासनली (भोजन की नली), पेट (अमाशय), छोटी आंत और बड़ी आंत मिलकर पाचन तंत्र बनाते हैं। बड़ी आंत, कोलन से शुरू होती है, जो लगभग 5 फीट लंबा होता है और मलाशय (rectum) और गुदा (मलद्वार) में समाप्त होती है।
कोलन और मलाशय की दीवार में ऊतक की चार परतें होती हैं। कैंसर तब होता है जब शरीर में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर की शुरुआत बड़ी आंत की दीवार के सबसे भीतरी परत में होती है। अधिकांश कोलोरेक्टल कैंसर छोटे पॉलीप्स से शुरू होते हैं। ये पॉलिप्स कोशिकाओं का एक समूह होते हैं। समय के साथ, इनमें से कुछ पॉलीप्स कैंसर में विकसित हो जाते हैं। यह कैंसर पहले बड़ी आंत की दीवार में, फिर आसपास के लिंफ नोड्स में और फिर पूरे शरीर में फैलता है। कोलन कैंसर और रेक्टल कैंसर काफी कुछ मिलते जुलते हैं और कोलोरेक्टल कैंसर के नाम से एक साथ इनकी चर्चा की जाती है।
जब कोई व्यक्ति शौचालय जाता है तो उसे कौलन या रेक्टल कैंसर के कुछ लक्षण देखने को मिल सकते हैं। आमतौर पर इस दौरान देखे जाने वाले लक्षणों को लोग शर्मिंदगी के चलते किसी से साझा नहीं करते। जबकि इन लक्षणों पर विशेषज्ञ से खुलकर बात करनी बेहद जरूरी है। ताकि समय रहते इसका निदान किया जा सके। ज्ञात हो कि आंत से जुड़े कैंसर का उपचार हो सकता है। खासकर तब जब व्यक्ति की इसकी शुरुआती स्टेज में हो। हालांकि यह पूरी तरह ठीक हो जाए इसके आसार भी कम होते हैं क्योंकि यह धीरे-धीरे विकसित होता है और एक पूर्ण बीमारी में बदल जाता है। लेकिन समस्या के शुरुआत में पता चलने से ठीक होने के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए आंत कैंसर के लक्षणों की पहचान करना बेहद जरूरी है।
शुरुआती लक्षण
अचानक वजन घटना, मलाशय से तेज लाल या गाड़े लाल रंग का खून आना और संकीर्ण मल आना कोलोरेक्टल कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते है। इसके अलावा कई बार व्यक्ति को लगता है कि उसे मल त्यागना है लेकिन ऐसा होता नहीं है। हालांकि यह लक्षण अल्सर, बवासीर या क्रोहन रोग से जुड़े हुए हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किसी डॉक्टर के संपर्क जरुर करा जाए।
लक्षण
आपको बता दें मल में खून आने के अलावा कई दूसरे लक्षण भी कोलोरेक्टल कैंसर के संकेत हो सकते हैं। जिनमे से अधिक बार मल त्यागने की इच्छा होना या कब्ज होना शामिल है। इसके अलावा पीछे की ओर एवं पेट में किसी तरह की गांठ महसूस होना शामिल है। साथ ही बैक में तनाव भी महसूस हो सकता है। यह लक्षण पुरुष और महिलाओं दोनों में देखने को मिल सकते हैं। अगर ऐसे कोई लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
कोलोरेक्टल कैंसर के कारक
- वृद्धावस्था
- अत्यधिक वसायुक्त आहार, लाल मांस और प्रोसेस्ड मांस से भरपूर आहार; कम फाइबर वाला आहार
- एक तिहाई कोलोरेक्टल कैंसर के मरीजों के परिवार के सदस्यों में यह बीमारी होती है
- मधुमेह
- मोटापा
- शारीरिक निष्क्रियता
- धूम्रपान और शराब का सेवन
- जो लोग पहले से अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग से लगभग दस साल से पीड़ित हैं, तो उन्हें कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है।