यमुना के पानी में नहाने और पीने से हो सकते हैं ये गंभीर नुकसान, जाने बचने के उपाय
By: Sandeep Gupta Thu, 30 Jan 2025 1:02:14
हरियाणा के मुख्यमंत्री का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे यमुना नदी का पानी पीते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि क्या इस तरह से यमुना का पानी पीना सही है, जबकि यमुना नदी का पानी अत्यधिक गंदा होता है। कई राजनीतिक दलों द्वारा यमुना की सफाई को लेकर राजनीति की जाती रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यमुना नदी में सीवेज, फैक्ट्री के कचरे और सफेद झाग की मोटी परतें देखी जा रही हैं, जिससे नदी का पानी अत्यधिक प्रदूषित है। क्या इस गंदे पानी को पीना सही है? इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
यमुना नदी के कारण कई सारी बीमारियों का बढ़ता है खतरा
यमुना नदी के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। यह गंगा नदी की सहायक नदी है, जो हिमालय से लगभग 855 मील (1,376 किलोमीटर) दक्षिण में विभिन्न राज्यों से होकर बहती है। यमुना के पानी में अमोनिया और फॉस्फेट की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है, जो तीखे झाग के रूप में दिखाई देती है। इस प्रदूषित पानी के संपर्क में आने से सांस और त्वचा से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। गंदे पानी के कारण दिल्ली के 20 मिलियन से अधिक निवासियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
यमुना नदी के पानी में झाग क्यों बन जाता है
यमुना नदी के पानी में झाग बनने का मुख्य कारण फैक्ट्रियों और शहर के गंदे पानी का मिश्रण है। दिल्ली में जहां-जहां यमुना बहती है, वहां बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां स्थित हैं, जिनका केमिकल वेस्ट बिना फिल्टर किए सीधे यमुना के पानी में मिल जाता है। इसके साथ ही घरेलू और औद्योगिक कचरे में मौजूद फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट वाले डिटर्जेंट झाग को बढ़ाने का कारण बनते हैं।
केमिकल्स यमुना के पानी की सतह पर तनाव कम करते हैं, जिससे बुलबुले और झाग बनने लगते हैं। बिना ट्रीटमेंट वाला सीवेज भी नाइट्रेट्स और फॉस्फेट का प्रदूषण बढ़ाता है, जिससे झाग अधिक बनता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, विशेष प्रकार के फिलामेंटस बैक्टीरिया भी इस झाग का कारण बन सकते हैं।
बायो एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब यमुना नदी दिल्ली से बाहर निकलती है, तो इसका ऑक्सीजन लेवल जीरो और फिकल इंडिकेटर 9 लाख तक पहुँच जाता है, जो इंसान और जीवों के लिए भी खतरनाक है। यमुना के पानी में बनने वाले सफेद झाग में अमोनिया और फॉस्फेट की अधिकता होती है, जो हानिकारक कार्बनिक पदार्थ हैं और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।
यमुना के पानी में नहाने और पीने से होने वाले नुकसान
- सांस लेने में कठिनाई या सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा
- गले में दर्द
- आंखों में जलन
- त्वचा पर जलन, लाल चकत्ते और एलर्जी
- लिवर और किडनी को खतरा
- पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं
यमुना के पानी में नहाने से पहले और बाद में क्या करें
- नहाने से पहले पानी की गुणवत्ता जांचें।
- नहाने के लिए सही जगह चुनें, जहां झाग कम हो और पानी साफ नजर आए।
- नहाने के बाद त्वचा को अच्छे से साफ करें।
- नहाने के बाद गीले कपड़ों में ज्यादा देर तक न रहें।
- नहाने के बाद शरीर को पूरी तरह से साफ करें।
- नहाने के लिए सही कपड़े पहनें, जो खासतौर पर नहाने के लिए बने हों।
- नहाने से पहले और बाद में हाथ धोएं।
- नहाते वक्त मुंह और नाक को बंद रखें।
- अगर नहाने के बाद किसी तरह की समस्या महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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