जानें कैसे करें 'निर्जला एकादशी' व्रत, होंगे ये बड़े फायदे
By: Priyanka Maheshwari Mon, 06 June 2022 10:00:51
शास्त्रों में निर्जला एकादशी व्रत का काफी महत्व बताया गया है। बारह महीनों में 24 और अधिक मास की दो इस तरह कुल 26 एकादशी होती हैं। महाभारत में उल्लेख है कि निर्जला एकादशी के एक व्रत से पूरे 26 एकादशी व्रत का फल मिलता है। निर्जला एकादशी या भीमसेनी एकादशी का संबंध महाभारत काल के भीम से भी माना गया है। इस बार निर्जला एकादशी व्रत शुक्रवार 10 जून को रखा जाएगा। इस एकादशी के व्रत को विधिपूर्वक करने से सभी एकादशियों के व्रत का फल मिलता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन बिना जल के उपवास रहने से मनचाहा फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों पर व्रत नहीं कर सकता, वो इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ भी उठा सकता है।
जो साधक व श्रद्धालु 'निर्जला एकादशी' का व्रत करना चाहें वे प्रात:काल सूर्योदय के समय स्नान के उपरान्त विष्णु भगवान की पूजा-अर्चना कर 'निर्जला एकादशी' व्रत का संकल्प करें। साधक-श्रद्धालुओं के लिए यह आवश्यक है कि वह पवित्रीकरण हेतु आचमन किए गए जल के अतिरिक्त अगले दिन सूर्योदय तक जल की बिन्दु तक ग्रहण ना करें एवं अन्न व फलाहार का भी त्याग करें तत्पश्चात अगले दिन द्वादशी तिथि में स्नान के उपरान्त पुन: विष्णु पूजन कर किसी विप्र को स्वर्ण व जल से भरा कलश व यथोचित दक्षिणा भेंट करने के उपरान्त ही अन्न-जल ग्रहण कर 'निर्जला एकादशी' व्रत का पारण करें। शास्त्रानुसार 'निर्जला एकादशी' का व्रत मोक्षदायी व समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला है।
विशेष निवेदन
'निर्जला-एकादशी' व्रत का नियम व उपर्युक्त कथा शास्त्रानुसार श्रद्धालुओं की जानकारी हेतु वर्णित की गई है। समस्त साधकों व श्रद्धालुओं से निवेदन है कि वे अपनी शारीरिक क्षमता व स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अपने स्वविवेक से 'निर्जला एकादशी' व्रत करने का निर्णय करें।
होंगे ये फायदे
जानकारी के अनुसार नित्य व्रत मनुष्य में सत्वगुण को बढ़ाते हुए उसे स्वस्थ रखते हैं, उसकी स्थिति को कायम रखते हैं। एकादशी को भगवान विष्णु का पूजन, गीता और विष्णु सहस्रनाम का पाठ उचित माना गया है। ज्योतिष के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत करने वाले व्रती को अपने चित, इंद्रियों और व्यवहार पर संयम रखना आवश्यक है। इससे जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
हर प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। शत्रु पर विजय मिलती है। एकादशी व्रत जीवन में संतुलन बनाए रखना सिखाता है। इस व्रत को करने वाला व्यक्ति जीवन में अर्थ और काम से ऊपर उठकर धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष को प्राप्त करता है, वह बुद्धिमान और लोकप्रिय होता है।
इससे प्रभुत्व और व्यक्तित्व भी बढ़ता है। कोरोना महामारी के चलते घर में ही पूजन, स्नान एवं दान करें। इस अवसर पर आमों की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है। बाजारों में लोग आम की खरीदारी करने के लिए पहुंचने लगे है। इसके अलावा बाजार में रौनक भी दिखाई देने लगी है।
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