आरसीबी की विक्ट्री परेड के दौरान भगदड़ में 11 लोगों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) थी? क्या मेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस, या प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था थी? क्या भीड़ नियंत्रण की योजना पहले से बनाई गई थी? क्या घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया? इसी तरह के सवाल कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से किए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव ने सरकार से पूछा कि क्या उसने इन सबके लिए किसी गाइडलाइन का पालन किया था? कोर्ट ने सरकार को घटना पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है और अगली सुनवाई की तारीख 10 जून तय की है।
राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए एजी शशिकरण शेट्टी ने कोर्ट को बताया कि सरकार हाईकोर्ट के सुझावों का पालन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और वह जनहित याचिका का विरोध नहीं करेगी। आरसीबी ने 3 जून को आईपीएल का फाइनल जीता था, जिसके बाद यह परेड रखी गई थी। पुलिस ने इस आयोजन के लिए 1,643 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी। पानी के टैंकर और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं भी की गई थीं, फिर भी भगदड़ में 56 लोग घायल हुए और 11 की मौत हो गई—जिनमें 5 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं। इस कार्यक्रम में कुल मिलाकर करीब 2.5 लाख लोग शामिल हुए थे।
जब इतना बड़ा आयोजन हुआ तो क्या तैयारी थी?
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब इतना विशाल कार्यक्रम आयोजित हुआ तो इसकी पूर्व तैयारी क्या थी? एजी ने बताया कि सुबह 4 बजे से ही बेंगलुरु के हर कोने से लोग इकट्ठा होने लगे थे और सुबह 3 बजे तक ही चिन्नास्वामी स्टेडियम के आसपास भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा कि न सिर्फ राज्य से बल्कि बाहर के राज्यों से भी लोग आए थे। आयोजन की सभी व्यवस्थाएं रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) ने की थीं।
कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए:
हाईकोर्ट: स्टेडियम में कुल कितने गेट हैं और उस दिन कितने खोले गए थे?
एजी: स्टेडियम में कुल 21 गेट हैं और हमें बताया गया कि सभी खुले थे। अनुमान से कहीं ज्यादा, करीब 2 लाख लोग पहुंचे थे।
वकील जी.आर. मोहन: दावा किया कि केवल 3 गेट ही खुले थे।
एजी: सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं और सच्चाई जांच के बाद सामने आएगी।
वकील हेमंत राज: उन्होंने कहा कि आरसीबी के खिलाड़ी राज्य या देश के लिए नहीं खेलते, फिर भी राज्य सरकार ने सम्मान समारोह आयोजित किया जो जरूरी नहीं था।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सरकार इस पूरे मामले पर रिपोर्ट दाखिल करे। सुनवाई 10 जून तक स्थगित कर दी गई है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।