निपाह वायरस से घबराये नहीं बस इन बातों का विशेष तौर पर रखे ध्यान

By: Pinki Sat, 26 May 2018 7:29:05

निपाह वायरस से घबराये नहीं बस इन बातों का विशेष तौर पर रखे ध्यान

साफ-सफाई की सहज आदतें जैसे बार-बार हाथ धोना और भोजन अच्छी तरह पकाने के बाद ग्रहण करने से आप मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले निपाह वायरस के संपर्क में आने से बच सकते हैं। इस बीमारी की चपेट में आकर केरल में 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
निपाह वायरस से जुडी कुछ खास बातें

- निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है, जबकि एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने के भी सबूत मिले हैं।

- सबसे पहले यह वायरस मलेशिया के सुअर पालकों में पाया गया। फिर यह सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में और दोबारा 2007 में पाया गया।

- अब यह वायरस केरल के चार जिलों -कोझिकोड, मल्लपुरम, कन्नूर और वायनाड- में पाया गया है।

- अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोच्चि की क्लीनिकल प्रोफेसर विद्या मेनन ने बताया, "पिछली सभी महामारियां अलग-अलग समूह में हुई हैं और ऐतिहासिक साक्ष्य से पता चलता है कि ये एक साथ नहीं आई हैं।"

- उन्होंने कहा, "इसलिए, लोग जो मरीजों के करीबी संपर्क में आते हैं, वे आमतौर पर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। अगर यह संपर्क समूह बढ़ता है या अन्य जगहों पर जाता है, तो बीमारी फैलने की आशंका बढ़ जाती है।"

- निपाह वायरस संक्रमित सुअरों, चमगादड़ों के लार, मूत्र या मल द्वारा संचारित होता है।

- यह एक मानव से दूसरे मानव में श्वास के जरिए फैल सकता है।

nipah virus,kerala ,निपाह वायरस,केरला

- निपाह वायरस के संपर्क में आने पर सांस लेने में दिक्कत, बुखार, बदन दर्द, कफ आदि की समस्या हो सकती है।

- दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ कंसल्टैंट (आंतरिक चिकित्सा) सुरनजीत चटर्जी ने आईएएनएस को बताया, "घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन अगर आपमें इस बीमारी के लक्षण हैं या आपने हाल ही में उस राज्य की यात्रा की है तो फौरन चिकित्सक से मिलें।"

- चटर्जी ने कहा कि इस बीमारी से ग्रसित होने के आधार पर व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी मामलों में यह बीमारी दो सप्ताह के बाद सामने आती है।

- फोर्टिस हॉस्पिटल (शालीमार बाग, नई दिल्ली) के पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख विकास मौर्य ने कहा कि जब तक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता वायरस से लड़ना शुरू नहीं कर देती, तब तक इससे संक्रमति लोगों को कम से कम 10-15 दिन अलग कमरे में रखा जाना चाहिए।

- केरल सरकार ने इस बीमारी से बचाव के उपाय के लिए एक एंटी वायरल रिबावरिन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

- विद्या मेनन ने कहा कि गुरुवार से केरल सरकार ने रिबावरिन इस्तेमाल करने की सिफारिश की है, लेकिन सिर्फ साबित हुए मामलों में ही।

- विशेषज्ञों ने स्वच्छता अपनाने के अलावा पंजों के निशान वाले फलों के सेवन से बचने, भोजन को अच्छी तरह से पका कर खाने की सलाह दी है।

- मेनन ने कहा कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं तो मास्क का इस्तेमाल करें। खांसने के दौरान रूमाल से मुंह ढक लें। अच्छी तरह से हाथ धोएं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com