अमित शाह ने कश्मीर के ताज़ा हालात पर की उच्चस्तरीय बैठक, अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गाबा भी मौजूद

By: Pinki Sun, 04 Aug 2019 1:20:03

अमित शाह ने कश्मीर के ताज़ा हालात पर की उच्चस्तरीय बैठक, अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गाबा भी मौजूद

जम्मू-कश्मीर में जारी सरगर्मी के बीच आज गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों और खुफिया एजेंसी के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में जारी इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गाबा भी मौजूद थे। बैठक के दौरान कश्मीर घाटी के हालात पर चर्चा की गई।

दिल्ली में पीएम आवास पर कल यानी सोमवार को सुबह 9:30 बजे कैबिनेट की बैठक होगी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार कैबिनेट की इस बैठक में बड़ा फैसला ले सकती है। मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक ऐसे वक्त में बुलाई है जब जम्मू-कश्मीर में अलर्ट को लेकर देश भर में सरगर्मी तेज हैं।

इस बीच सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि गृह मंत्री अगले हफ्ते कश्मीर के दौरे पर जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह संसद सत्र खत्म होने के बाद दो दिनों के लिए घाटी के दौरे पर जा सकते हैं। अपने इस दौरे के दौरान वो जम्मू भी जाएंगे।

बता दें कि कश्मीर में हालात तनावग्रस्त हैं। सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर सर्च ऑपरेशन के दौरान स्नाइपर राइफल मिली, जिसके बाद यात्रा रोकने का फैसला किया गया था। आतंकी खतरे को भांपते हुए तुरंत ये एडवाइजरी की गई थी कि अमरनाथ यात्री अमरनाथ यात्रा मार्ग में जहां कहीं भी हैं वो अपने-अपने घरों की तरफ लौटने की कोशिश करें, क्योंकि उनपर हमले की बड़ी साजिश रची जा रही है।

यात्रियों वो वापस बुलाने वाली सरकार की घोषणा से जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं में भी खलबली मच गई है, उनके द्वारा आशंकाएं जताई जा रही है कि केंद्र संविधान के अनुच्छेद 35-ए के योजना कर रहा है। अनुच्छेद 35-ए सरकारी नौकरियों और जमीन के मामलों में राज्य के निवासियों को विशेष अधिकार देता है। राज्यपाल सतपाल मलिक ने अटकलों पर लगाम लगाते हुए कहा कि अनुच्छेद 35-ए को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है। इस बीच, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मांग की कि सरकार को राज्य के विशेष दर्जे पर संसद में एक बयान जारी करना चाहिए।

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र की घोषणा की आलोचना की, कहा कि इससे नागरिकों के बीच भय का वातावरण स्थपित होता है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'गृह मंत्रालय के आदेश से नागरिकों में डर का माहौल है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को कभी भी इस तरह से अचानक यात्रा छोड़ने के लिए नहीं कहा गया। सरकार नफरत का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, ये कहते हुए कि कश्मीर बाहरी लोगों के लिए असुरक्षित है। हम सरकार द्वारा इस फैसले की निंदा करते हैं।'

वहीं बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन द्वारा बनाए गए एक पुल का उद्घाटन करने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि कश्मीर की समस्या तो अब हल होकर रहेगी। भारत इसे अपने तरीके से हल करेगा। दुनिया की कोई भी ताकत हमें ऐसा करने से रोक नहीं सकती। ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार इस बार कश्मीर में आतंकवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने का मन बना चुकी है, जिसके तहत सरकार ने एक खास रणनीति बनाई है, लेकिन सुरक्षा वजहों से उसका खुलासा नहीं किया गया है।

वही जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने शनिवार को पाकिस्तानी BAT (बॉर्डर एक्शन टीम) की केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया। आतंकियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना ने 5 से 7 पाकिस्तानी सेना के BAT कमांडो/आतंकी को मार गिराया। नियंत्रण रेखा पर केरन सेक्टर में मारे गए घुसपैठियों में पाकिस्तानी सेना के जवान और आतंकी भी शामिल हैं। पाकिस्तान की बैट टीम में सेना और आतंकी शामिल होते हैं। जो भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम देते हैं। सीमा पर पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने बोफोर्स होवित्जर तोपों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए सेना अब नियंत्रण रेखा पर बोफोर्स होवित्जर तोपों से गोलाबारी कर रही है। वही केरन सेक्टर में मारे गए जवानों के शव लेने से पाकिस्तान ने इनकार कर दिया है। लेकिन भारत ने बड़ा दिल दिखाते हुए पाकिस्तान को उसके जवानों के शवों को वापस करने की पेशकश की है। भारत ने पाकिस्तान के सामने प्रस्ताव रखा है कि वो सफेद झंडे के साथ आएं और घुसपैठियों के शव ले जाएं। हालांकि पाकिस्तान की ओर से अभी तक इसका कोई जवाब नहीं आया है। इसके साथ ही जवाब आने की उम्मीद भी बेहद कम है, क्योंकि पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि उसकी ओर से आतंकी और बैट के जवान घुसपैठ की कोशिश में मारे जाते हैं तो उन्हें अपना मानने से इनकार कर देता है।

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