दुनिया की सबसे महंगी और घातक वॉर मशीन — B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर — एक बार फिर युद्ध के मैदान में दहाड़ने लगा है। अमेरिका ने अपनी सैन्य ताकत का सबसे उन्नत चेहरा दिखाते हुए ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स — फोर्डो, नतांज और इस्फहान — पर हमला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर इस हमले की पुष्टि करते हुए दुनिया को चौंका दिया। ट्रंप के मुताबिक, ये हमले ईरान की संवेदनशील न्यूक्लियर साइट्स पर हुए, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इसमें किन विमानों और हथियारों का इस्तेमाल हुआ। लेकिन रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका ने इस मिशन में अपनी ‘अदृश्य लेकिन जानलेवा’ तकनीक — B-2 स्पिरिट बॉम्बर — को उतारा।
B-2 स्पिरिट: दुनिया की सबसे महंगी वॉर मशीन
यह वही विमान है, जो 30,000 पाउंड वजनी GBU-57 बम ढो सकता है — खासकर भूमिगत परमाणु बंकरों को तबाह करने के लिए तैयार किए गए। B-2 स्पिरिट न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, बल्कि इसे बनाने में लगने वाली लागत भी आंखें खोल देने वाली है — एक विमान की कीमत करीब ₹17,850 करोड़ यानी 2.1 अरब डॉलर है।
इतना ही नहीं, इसके रखरखाव में ही सालाना 330 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। इसकी अभूतपूर्व डिज़ाइन, कटिंग-एज टेक्नोलॉजी और विशेषीकृत इंजीनियरिंग इसे एक मिसाइल नहीं, एक संदेश बनाती है — कि अमेरिका जब हमला करता है, तो पूरी तैयारी के साथ करता है।
शुरुआती कीमत से 3 गुना बढ़ी लागत
B-2 बॉम्बर्स को पहली बार 1997 में डिज़ाइन किया गया था। शुरुआत में इसकी कीमत 737 मिलियन डॉलर थी, लेकिन समय के साथ इसमें तकनीकी अपग्रेड हुए और यह एक फुल-फ्लेज्ड जंगी रथ बन गया। यह कीमत इसके महत्व, प्रभाव और अपराजेय क्षमता को दर्शाती है।
‘द इनविज़िबल डेथ’ का असर
B-2 स्पिरिट का डिज़ाइन इतना परिष्कृत है कि इसे रडार तक पकड़ नहीं पाता। इसे ‘The Invisible Death’ कहा जाता है — एक ऐसी वॉर मशीन जो बिना दिखे टारगेट तक पहुंचती है और उसे नेस्तनाबूद कर देती है।
मात्र 21 विमान, लेकिन असर भारी
हालांकि अमेरिका ने पहले 132 B-2 बॉम्बर बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अत्यधिक लागत और राजनीतिक बहसों के चलते सिर्फ 21 बनाए गए। बावजूद इसके, इन विमानों ने कोसोवो, अफगानिस्तान और लीबिया जैसे संघर्ष क्षेत्रों में अपना लोहा मनवाया।
फिल्मी दुनिया का भी स्टार
B-2 सिर्फ युद्ध नहीं, बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। 'Captain Marvel', 'Iron Man 2', और 'Rampage' जैसी फिल्मों में यह बॉम्बर नजर आ चुका है। अमेरिकी वायुसेना इसे शूटिंग के लिए किराए पर भी देती है — यानी यह विमान युद्ध का ही नहीं, पॉप कल्चर का भी हिस्सा बन चुका है।
क्यों अहम है यह हमला?
ईरान पर B-2 के माध्यम से हुआ हमला केवल एक सामरिक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है। यह दर्शाता है कि अमेरिका अब मिडल ईस्ट में भी अपने हाई-एंड मिलिट्री टूल्स के उपयोग से पीछे नहीं हटेगा। “दुनिया का सबसे महंगा बॉम्बर जब उड़ता है, तो जंग की भाषा बदल जाती है।” अमेरिका ने यह साबित कर दिया है।