अनोखा गांव जो साल के 11 महीने रहता हैं पानी में डूबा, अपने पुराने घरों को देख जश्न मनाते हैं लोग
By: Ankur Fri, 09 July 2021 10:11:50
यह दुनिया बेहद अनोखी हैं जिसमें कई ऐसी जगहें हैं जो अपनेआप में अलग पहचान बनाए हुए हैं और अनोखी विशेषता के लिए जानी जाती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही अनोखे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जो साल के 11 महीने पानी में डूबा रहता हैं और सिर्फ एक महीने ही पानी से बाहर आते हैं जिसे देखने के लिए जश्न जैसा माहौल बन जाता हैं। हम बात कर रहे हैं पश्चिमी घाट के दो पहाड़ों के बीच सालौलिम नदी के किनारे बसे कुर्दी गांव की। जब मई के महीने में यहाँ का पानी घटता है तो कुर्दी के मूल निवासी अपने छिन चुके घरों को देखने आते हैं और जश्न मनाते हैं।
आपको बता दें कि साल 1986 में गोवा में पहला बांध बनाया गया था और इसके कारण यह गांव पूरा डूब गया था। इसके चलते यहाँ रहने वालो को ये जगह छोड़नी पड़ी, लेकिन हर साल मई महीने में यहां पानी घटने लगता है और गांव दिखाई देने लगता है। यह देखकर लोग जश्न मनाते हैं। एक समय में इस गांव की आबादी 3,000 के आस पास थी और पहले ये जमीन बहुत उपजाऊ हुआ करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। पहले यहाँ के लोग धान की खेती करते थे और यहां नारियल, काजू, आम और कटहल के पेड़ हुआ करते थे।
वहीँ जब 1961 में गोवा पुर्तगालियों से आजाद हुआ, तब राज्य के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर ने इस गांव का दौरा किया और बांध बनाने की योजना बताई। उसके बाद उन्होंने गांववालों को समझाया कि इससे पूरे दक्षिणी गोवा को फायदा मिलेगा। उस दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि इससे पूरा गांव डूब जाएगा लेकिन एक बड़े मक़सद के लिए ये कुर्बानी देनी पड़ेगी। उस समय इस गांव में 600 परिवार थे, जिन्हें पड़ोस के गांव में विस्थापित किया गया और उन्हें मुआवज़ा और जमीन दी गई।
ये भी पढ़े :
# खेत से भगाने के लिए शख्स ने मारा मुर्गी को पत्थर और थाने में दर्ज हो गया केस
# क्या ऐसे होते हैं सोशल मीडिया यूजर्स? कमेंटेटर बने कार्तिक को बगैर किसी गलती के पड़ीं गालियां!
# पंजाब : भाई ने अपने जीजा पर लगाया बहन की हत्या करने का आरोप, गोबर गैस प्लांट के गटर से मिला शव
# मांजरेकर ने कहा, T20 विश्व कप में रोहित-कोहली कर सकते हैं ओपनिंग, तीसरे नंबर पर इन्हें बताया दावेदार
# पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आवाम को किया आगाह, कोविड-19 की चौथी लहर दे सकती हैं दस्तक