गाजा पट्टी के दक्षिणी शहर खान यूनिस में भयावह मानवीय त्रासदी सामने आई है, जहां इजरायली टैंकों द्वारा की गई जबरदस्त गोलाबारी में कम से कम 45 बेगुनाह फलस्तीनी नागरिकों की जान चली गई, और सैकड़ों की तादाद में लोग घायल हो गए। यह हृदयविदारक दावा हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया है। मंत्रालय के मुताबिक यह भीषण हमला उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में लोग अल-तहलिया चौराहे पर भोजन और पानी जैसी मूलभूत मानवीय सहायता पहुंचाने वाले ट्रकों का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है क्योंकि घायलों में से कई की हालत नाजुक और अत्यंत गंभीर बताई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक आपातकालीन बयान में कहा गया कि इजरायली टैंकों ने खान यूनिस की भीड़ पर अंधाधुंध और बेतरतीब गोलीबारी शुरू कर दी, जहां हजारों भूखे-प्यासे लोग भोजन, दवा और जीवन रक्षक सहायता की प्रतीक्षा कर रहे थे। इस हमले में बड़ी संख्या में गंभीर रूप से घायल लोग नासर अस्पताल और अन्य मेडिकल सेंटरों में भर्ती कराए गए, जहां डॉक्टर सीमित दवाओं, संसाधनों और स्टाफ की कमी के बावजूद उपचार करने का प्रयास कर रहे हैं। मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल मानवीय सहायता और हस्तक्षेप की अपील की है, क्योंकि आपातकालीन वार्ड, गहन चिकित्सा इकाइयाँ और ऑपरेशन थिएटर पूरी तरह भरे हुए हैं।
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने भी इस दर्दनाक मंजर की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि सुबह-सुबह जैसे ही लोग ट्रकों की प्रतीक्षा में जमा हुए, इजरायली टैंक अचानक अल-अलम चौराहे पर आ पहुंचे और भीड़ पर बिना चेतावनी दिए ही गोलियों की बारिश कर दी। स्थानीय पत्रकार मोहम्मद घरीब ने बीबीसी को बताया कि टैंक सीधे भीड़ की ओर बढ़े और फायरिंग शुरू कर दी, जिससे लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई घायल और मृत लोगों को गधा गाड़ियों पर लादकर अस्पताल तक ले जाया गया, क्योंकि इजरायली नियंत्रण के कारण एम्बुलेंस और राहत दल घटनास्थल तक नहीं पहुंच सके।
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने अब तक इस घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पूर्व की कई घटनाओं में इजरायली सेना ने दावा किया था कि उन्होंने केवल "चेतावनी स्वरूप गोलीबारी" की थी या केवल संदिग्धों को निशाना बनाया था। लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने इन बयानों को भ्रामक और असंवेदनशील करार दिया है। गाजा में सहायता वितरण स्थलों पर हाल के हफ्तों में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां इजरायली सेना ने हमास पर सहायता लूटने का आरोप लगाया है, जिसे हमास ने बार-बार खारिज किया है।
यह दिल दहलाने वाला हमला ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित जी7 नेताओं ने मध्य पूर्व में तनाव कम करने और गाजा में तत्काल युद्धविराम की अपील की थी। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियों ने गाजा में सहायता वितरण स्थलों को अब "मौत के जाल" की संज्ञा दी है और इसकी कड़ी निंदा की है। UNRWA के प्रमुख फिलिप लज्जारिनी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "अब सहायता वितरण स्थल जीवन रक्षक केंद्र नहीं बल्कि मौत का प्रतीक बन चुके हैं।"
गाजा में मानवीय आपदा की भयावह स्थिति
गाजा में पिछले करीब 20 महीनों से जारी इजरायली सैन्य अभियान ने इस क्षेत्र को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुए इस युद्ध में अब तक 55,000 से अधिक फलस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। गाजा की 2.3 मिलियन आबादी का करीब 80% हिस्सा विस्थापित हो चुका है और संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में क्षेत्र में गंभीर खाद्य संकट और संभावित अकाल की चेतावनी दी गई है।