साल 1973 में रिलीज हुई फिल्म ‘बॉबी’ ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया की यह रोमांटिक फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। यह दिवंगत एक्टर व फिल्ममेकर राज कपूर के बेटे ऋषि की लीड एक्टर के रूप में पहली फिल्म थी, जबकि डिंपल ने भी इसी फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसमें ऋषि ने एक बोल्ड सीन दिया था, जो काफी चर्चा में रहा था। इस सीन में ऋषि के साथ दिग्गज एक्ट्रेस अरुणा ईरानी भी थीं। अब इस फिल्म को लेकर अरुणा ने एक दिलचस्प बात बताई है।
अरुणा ने बताया कि शुरू में पहले उन्होंने शूट करने से मना कर दिया था क्योंकि उन्हें शर्म आ रही थी लेकिन फिर राज कपूर ने उन्हें मनाया। अरुणा ने लहरें रेट्रो को दिए इंटरव्यू में उस सीन को याद करते हुए कहा कि मैंने तो पहले मना कर दिया था। ऋषि न्यूड आते हैं और टॉवल से अपने बालों को सुखाते हैं। उन्होंने वो शॉट दिया। मैंने राज जी से कहा कि मैं यह नहीं कर सकती। उन्होंने कहा वहां मत देखना ना, गलत चीजें मत देखो और सही चीजों को देखो। लास्ट में मैंने वो सीन कर ही दिया। बाद में जब हम दोनों किसी दूसरी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तब ऋषि ने मुझसे पूछा था कि मैं अनकम्फर्टेबल क्यों हो रही थीं।
मैं ‘चिंटू जी’ के साथ रवि मल्होत्रा की फिल्म कर रही थी। उन्होंने कहा कि अरुणा जी मुझे आपसे एक बात पूछनी है। आपने सीन में काफी ऑब्जेक्शन किया, लेकिन नंगा तो मुझे होना था, आप क्यों ऑब्जेक्ट कर रहे थे। मैंने फिर उन्हें बताया कि मुझे शर्म आ रही थी। उन्होंने कहा कि मैं यही सोचकर परेशान हो रहा था कि आपको क्यों शर्म आ रही थी जब नंगा मैं था सीन में। मुझे लगा उनकी बात में पॉइंट तो था। वे सही थे। बता दें ऋषि और अरुणा ने कई फिल्मों में साथ काम किया है। ऋषि का साल 2020 में 67 साल की उम्र में निधन हो गया था। दूसरी ओर 78 वर्षीय अरुणा अब कम ही फिल्मों में नजर आती हैं।
अरुणा ईरानी ने पहली बार ब्रेस्ट कैंसर का पता चलने पर नहीं कराई थी कीमोथेरेपी
अरुणा ईरानी ने अपने लंबे करिअर में 500 से भी ज्यादा फिल्मों और कई लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों में अपनी अदाकारी का जादू बिखेरा है। अरुणा ने इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि उन्हें दो बार ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है। अरुणा ने कहा कि ऐसे ही एक दिन शूटिंग कर रही थी, पता नहीं मुझे कैसे पता चला, पर मैंने कहा 'मुझे कुछ लग रहा है'।' जब मैं अस्पताल गई तो पता चला कि मुझे कैंसर है। सावधानी बरतते हुए मैंने तत्काल सर्जरी करवा ली। डॉक्टरों ने कीमोथेरेपी का सुझाव दिया, लेकिन मैंने इसे नकार दिया।
मुझे डर था बालों के झड़ने का और चेहरे की रंगत बिगड़ने का। डॉक्टर्स ने मुझे सलाह दी कि अगर मैं कीमोथेरेपी नहीं लूंगी तो एक दवा खानी होगी, जिस पर मैं राजी हो गईं। मार्च 2020 में जब पूरी दुनिया कोविड की दस्तक से घबराई हुई थी, उसी वक्त मेरे जीवन में कैंसर की वापसी हुई। इस बार मैंने अपने फैसले से पीछे नहीं हटने का फैसला किया और कीमोथेरेपी का सहारा लिया। मेरी ही गलती थी, क्योंकि पहले मैंने कीमोथेरेपी नहीं ली थी। इस बार मैंने उसे अपनाया। अब हालात बदल चुके थे। कीमोथेरेपी तकनीकी रूप से बेहतर हो चुकी थी, बाल थोड़े बहुत झड़ते थे लेकिन जल्दी वापस भी आ जाते थे। इस बार मैंने हर सलाह मानी, हर दर्द सहा और कैंसर को फिर से मात दी।