जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया जब सिटी पैलेस के पास स्थित एक नामी निजी स्कूल 'द पैलेस' को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला। स्कूल प्रशासन को जैसे ही यह मेल प्राप्त हुआ, तुरंत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया गया। मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण माणक चौक थाना पुलिस, एसीपी पीयूष कविया, एटीएस, डॉग स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ता तुरंत मौके पर पहुंचा और स्कूल परिसर में सघन तलाशी अभियान चलाया गया।
कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पूरा परिसर खंगालने के बाद कोई भी संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है। तलाशी अभियान के बाद पुलिस और प्रशासन ने राहत की सांस ली। हालांकि एहतियातन स्कूल के आसपास दमकल, एम्बुलेंस और एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात की गई थीं।
संवेदनशील इलाका, प्रशासन रहा सतर्क
यह स्कूल जलेब चौक के पास स्थित है, जहां सिटी पैलेस, गोविंददेवजी मंदिर, जंतर-मंतर और हवा महल जैसे प्रमुख स्थल हैं। इन जगहों पर रोज़ाना भारी संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक आते हैं। इसलिए सुरक्षा एजेंसियों ने इस धमकी को बेहद गंभीरता से लिया।
पूर्व में भी मिल चुकी हैं धमकियां
गौरतलब है कि जयपुर को पहले भी कई बार इस तरह की बम धमकियों का सामना करना पड़ा है। कुछ समय पहले सवाई मानसिंह स्टेडियम, मेट्रो रेल व स्टेशन और दो कोर्ट परिसरों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल चुकी हैं। इन सभी मामलों में भी गहन जांच के बाद कोई विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला था, जिससे संदेह जताया जा रहा है कि यह घटनाएं मनोवैज्ञानिक दबाव और अफरातफरी फैलाने के उद्देश्य से की जाती हैं।
जांच जारी, साइबर टीम सक्रिय
फिलहाल पुलिस साइबर टीम की मदद से उस ईमेल की जांच कर रही है, जिससे धमकी भेजी गई थी। शुरुआती तौर पर यह प्रतीत हो रहा है कि यह एक फर्जी धमकी हो सकती है, लेकिन पुलिस इसे हल्के में नहीं ले रही। पुलिस आयुक्तालय की साइबर इकाई सर्विलांस और ईमेल ट्रैकिंग के ज़रिए आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
माणक चौक एसीपी पीयूष कविया ने स्पष्ट किया कि इस तरह की अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसे कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हालांकि 'द पैलेस' स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी एक झूठी सूचना साबित हुई, लेकिन प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता ने संभावित संकट को समय रहते टाल दिया। इस तरह की घटनाएं न सिर्फ आम नागरिकों के मन में भय पैदा करती हैं, बल्कि प्रशासन के लिए भी चुनौती बन जाती हैं। पुलिस अब इस साइबर अपराध की तह तक जाने और दोषियों को पकड़ने में जुटी है।