जयपुर। राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट परीक्षा 2024) के प्रथम लेवल की परीक्षा गुरुवार को शांतिपूर्ण संपन्न हो गई। राज्य के 41 जिलों के 1731 परीक्षा केंद्रों पर इसका आयोजन हुआ। परीक्षार्थियों को कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा। परीक्षा में फेस रिकॉग्निशन और बायोमेट्रिक जांच से परीक्षार्थी परेशान हुए। परीक्षा में 10 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया था। लिहाजा, पहली पारी का पेपर 12 बजकर 40 मिनट और दूसरी पारी का पेपर 5 बजकर 40 मिनट पर छूटा। परीक्षा देकर बाहर आए अभ्यर्थियों ने कहा कि डेढ़ सौ अंक का प्रथम लेवल का पेपर सरल और त्रुटिरहित था।
जांच में लिया एआई का सहारा
इस बार सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं कड़ी नजर आई। मैन्युअल और मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद परीक्षार्थी को परिसर में जाने की अनुमति मिली। यहां भी पहले परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र और मूल पहचान पत्र की जांच हुई। इसके बाद परीक्षार्थी की बायोमैट्रिक जांच हुई, जिसमें अंगूठे की निशानी ली गई। इसके बाद प्रत्येक परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की फेस रिकॉग्निशन जांच भी हुई। पहली बार एआई तकनीक से प्रत्येक परीक्षार्थी के लाइव चेहरे की तस्वीर के साथ प्रवेश पत्र पर लगे बारकोड को स्कैन करके तस्वीर से मिलान किया गया। इसके बाद ही परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी पहुंच पाए। इंचार्ज के लिए बोर्ड ने पूर्व में ही गाइडलाइन जारी कर दी थी कि परीक्षार्थी को परीक्षा शुरू होने से 2 घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य होगा। यही वजह थी कि सुबह परीक्षा केंद्रों के बाद जांच के लिए विद्यार्थियों की लंबी कतारें नजर आई।
फेस रिकॉग्निशन जांच हुई
परीक्षार्थी राजसिंह ने बताया कि वे सुबह 8 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए थे। उन्होंने बताया कि पहली बार प्रत्येक परीक्षार्थी की फेस रिकॉग्निशन जांच टैबलेट के जरिए हुई। उन्होंने बताया कि रीट परीक्षा का मुझे अनुभव नहीं है, लेकिन सीनियर ने बताया कि इस तरह की जांच पहली बार हुई है। साथ ही वर्ष 2022 में हुई रीट की परीक्षा सीधी भर्ती के लिए हुई थी, इसलिए परीक्षा का लेवल कठिन था। उन्होंने बताया कि गणित कुछ कठिन थी, लेकिन पर्यावरण, लैंग्वेज के प्रश्न सरल थे। परीक्षार्थी सविता ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर जांच काफी कड़ी थी। पहले ऐसा सोचा नहीं था। प्रत्येक परीक्षार्थी की जांच 2 से 3 बार हुई। उन्होंने बताया कि फेस रिकॉग्निशन और बायोमैट्रिक जांच की व्यवस्था पहली बार देखी गई।
त्रुटिरहित था पेपर
परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा के लिए जिन अभ्यर्थियों ने गंभीरता से पढ़ाई की है ऐसे अभ्यर्थियों के लिए पेपर सरल था। उन्होंने बताया कि राजस्थान जीके, साइकोलॉजी का पेपर मध्यम लेवल का था। डेढ़ सौ अंक के पेपर में किसी तरह की कोई त्रुटि नहीं थी और पेपर सिलेबस के अनुसार ही था। उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थी के लिए जारी की गई गाइडलाइन का अनुसरण किया गया था। परीक्षा केंद्र पर कड़ी जांच की गई थी। परीक्षार्थी ललित ने बताया कि पेपर में कोई त्रुटि नहीं थी। उन्होंने बताया कि परीक्षा में प्रश्न ना ज्यादा कठिन थे और ना ही ज्यादा सरल थे। सिलेबस के बाहर कोई प्रश्न नहीं पूछे गए। परीक्षार्थी सरिता चौधरी ने बताया कि डेढ़ सौ अंक के प्रश्नों में पर्यावरण हिंदी साइकोलॉजी, संस्कृत, गणित के सवाल पूछे गए थे। उन्होंने कहा कि परीक्षा में पूछे गए प्रश्न सरल थे।
जांच में दिखी सख्ती
जांच के दौरान परीक्षार्थियों से हाथों में मौली, कड़े, चूडियां, गले से ताबीज, डोरा, मंगलसूत्र, चैन, कानो से टॉप्स, नाक से नोज पिन, पैरों से पायल, बिछिया तक खुलवा दी गई। चुन्नी, स्कार्फ, स्टॉल मोटी और जेबदार जैकेट बाहर ही खुलवा दी गई। वहीं जूते भी परीक्षा केंद्र के बाहर खुलवाए गए।