जयपुर। राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू किए गए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों को हिंदी माध्यम में रूपांतरित किया जाएगा, वहीं इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पास के अन्य अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा।
बुधवार को सचिवालय में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। बैठक में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, मंत्री सुमित गोदारा और गजेंद्र सिंह खींवसर सहित शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
उपमुख्यमंत्री बैरवा ने जानकारी दी कि जिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 10 या उससे कम विद्यार्थी पंजीकृत हैं, उन्हें हिंदी माध्यम स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। वहीं, इन स्कूलों के विद्यार्थियों को पास के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उन्हें परिवहन वाउचर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में ऐसे 800 से अधिक स्कूल हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या 10 से भी कम है। अगली बैठक में इन परिवर्तनों से प्रभावित होने वाले विद्यार्थियों की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है।
कांग्रेस पर तंज
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मौके पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने बिना योजना के स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया, लेकिन न तो शिक्षक नियुक्त किए और न ही बुनियादी ढांचे का विकास किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे हिंदी माध्यम के स्कूल भी प्रभावित हुए और विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ गया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि जो विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में ही पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, उन्हें पास के स्कूलों में समुचित व्यवस्था के साथ प्रवेश दिलाया जाएगा। सरकार की कोशिश रहेगी कि किसी भी छात्र को असुविधा न हो, इसके लिए पुस्तकालय और अन्य संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी।
कांग्रेस का आरोप
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया था कि वह गरीबों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम शिक्षा से वंचित करना चाहती है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया था कि सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है और अंग्रेजी स्कूलों को बंद करना चाहती है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा था कि इन स्कूलों में गरीब और निम्न वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं, इसलिए इन्हें बंद करना उचित नहीं होगा।
राज्य में फिलहाल 3737 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित हैं, जिनकी स्थिति और प्रभावशीलता की समीक्षा की जा रही है।