चरणजीत सिंह चन्नी: सीएम बनने के लिए की थी हाथी की सवारी, पंजाब के नए मुख्यमंत्री से जुड़े हैं कुछ विवाद

By: Pinki Mon, 20 Sept 2021 11:47:43

चरणजीत सिंह चन्नी:  सीएम बनने के लिए की थी हाथी की सवारी, पंजाब के नए मुख्यमंत्री से जुड़े हैं कुछ विवाद

नवजोत सिंह सिद्धू के साथ महीनों तक चली खींचतान के बाद शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद रविवार को कांग्रेस आलाकमान ने दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना और आज सोमवार को चरणजीत सिंह चन्नी ने CM पद की शपथ ले ली। उन्हें राज्यपाल बीएल पुरोहित ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्हें 11 बजे शपथ दिलाई जानी थी लेकिन राहुल गांधी के इंतजार की वजह से शपथ ग्रहण में 22 मिनट की देरी हुई।

58 साल के चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की। वह शिरोमणि अकाली दल-BJP गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे।

चन्नी वरिष्ठ सरकारी पदों पर अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व जैसे दलितों से जुड़े मुद्दों पर सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा 2002 में खरार नगर परिषद के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के साथ शुरू हुई।

चन्नी ने पहली बार 2007 में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से जीते। वह 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए और फिर से उसी सीट से विधायक चुने गए।

चरणजीत से जुड़े कुछ विवाद

IAS अफसर को मैसेज भेजने पर हुआ विवाद

मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान चन्नी उस समय विवादों में घिर गए जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की एक महिला अधिकारी ने उन पर 2018 में ‘‘अनुचित संदेश’’ भेजने का आरोप लगाया था। इसके बाद पंजाब महिला आयोग ने मामले पर सरकार का रुख पूछा था। उस समय मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चन्नी को महिला अधिकारी से माफी मांगने के लिए कहा था और यह भी कहा था कि उनका (सिंह) मानना है कि मामला ‘‘हल’’ हो गया है।

सिक्का उछालकर कर दिया फैसला

साल 2018 में चरणजीत सिंह चन्नी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल रहा था। वीडियो में मंत्री सिक्का उछाल कर लोगों की पोस्टिंग करने का फैसला ले रहे थे। दरअसल, पॉलिटेक्निक संस्थान में लैक्चरर के पद के लिए दो उम्मीदवारों के बीच फैसला किया जाना था तब चरणजीत सिंह ने टॉस कर उस पोस्टिंग का फैसला लिया था। उस वीडियो के सामने आने के बाद विपक्ष ने अमरिंदर सरकार की काफी आलोचना की थी और चरणजीत चन्नी पर भी सवाल खड़े हो लिए थे। अब ये विवाद तो फिर भी बाद में ठंडा पड़ गया लेकिन ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी वाले मामले ने कैप्टन और चरणजीत की तकरार को जारी रखा।

सीएम बनने के लिए हाथी की सवारी

चन्नी ने एक बार अपने सरकारी आवास के बाहर सड़क का निर्माण करवाया था ताकि उनके घर में पूर्व की ओर से प्रवेश किया जा सके और बाद में चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे तोड़ दिया। चन्नी पिछली शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। कहा जाता है कि चन्नी ने सियासत में कामयाबी के लिए हाथी की सवारी भी की। ज्योतिषी ने कहा था कि अगर वो ऐसा करते हैं तो पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

पैचवर्क को लेकर दिया ये बयान

चन्नी शिरोमणि अकाली दल और BJP के गठबंधन की सरकार के दौरान विपक्ष के नेता भी रहे हैं। इस दौरान तत्कालीन डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने उस वक्त चन्नी से सवाल पूछा था कि 2002 से 2007 के कैप्टन सरकार के विकास बताएं। इस पर चन्नी ने कहा कि कि कैप्टन साहब ने पूरे पंजाब में पैचवर्क कराए हैं।

पीएचडी एंट्रेंस से भी जुड़ा है ये विवाद

चन्नी से एक और विवाद पीएचडी के एंट्रेस को लेकर जुड़ा हुआ है। साल 2017 में चन्नी ने पीएचडी का एंट्रेंस दिया था। उस वक्त आरोप लगया गया था कि चन्नी को फायदा पहुंचाने के लिए यूनिवर्सिटी ने SC-ST उम्मीदवारों को नियमों में छूट दी। हालांकि चन्नी एंट्रेंस परीक्षा में पास नहीं हो पाए।

कैप्टन से दूरी कब शुरू हुई?

सिख धार्मिक ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी वाले मामले में क्योंकि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी, उस वजह से पंजाब सरकार के कई मंत्री नाराज बताए जा रहे थे। ऐसे में जब उस समय कई पुराने मामले फिर उठाए गए, तो चरणजीत चन्नी जैसे नेताओं की अमरिंदर से नाराजगी शुरू हो गई थी। बाद में जब नवजोत सिंह सिद्धू ने माहौल को और ज्यादा गर्म किया, तो चन्नी ने खुलकर अपने बगावती तेवर दिखा दिए थे। जब पंजाब में चार मंत्री और 20 विधायकों ने खुलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह का विरोध किया था, उन्हें हटाने की मांग हुई थी, उनमें से एक नेता चरणजीत सिंह चन्नी भी थे। ऐसे में अमरिंदर के इस्तीफे में उनका भी योगदान रहा है। उन्हें हमेशा से कैप्टन के खिलाफ बोलते हुए देखा गया है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com