चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते है। इस बात के संकेत हाल ही में राहुल गांधी और प्रशांत किशोर के बीच बैठक से मिल रहे है। बैठक में प्रियंका गांधी और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत मौजूद थे। इस मुलाकात को लेकर कहा ये गया कि मामला पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और CM कैप्टन अमरिंदर के बीच चल रहे झगड़े का है। पर अब सामने आ रहा है कि प्रशांत किशोर यानी PK कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस की प्लानिंग है कि PK नेशनल लेवल पर उनके लिए अहम रोल निभाएं।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही तीनों गांधी- राहुल, प्रियंका, सोनिया से सांसद के आवास पर मुलाकात की थी। बीती मई में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के साथ काम करने वाले किशोर ने रणनीतिकार के तौर पर अपने काम पर विराम लगाने की बात कही थी।
सूत्र ने बताया कि कांग्रेस ने इस मीटिंग में कुछ बड़ा प्लान किया है। पार्टी लोकसभा चुनावों में प्रशांत किशोर का बड़ा रोल चाहती है ताकि PK इस निर्णायक लड़ाई के लिए कांग्रेस को तैयार कर सकें।
बता दे, 2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के असफल होने के पांच साल बाद राहुल और किशोर की मुलाकात हुई थी। इस लिहाज से भी बैठक को काफी अहम माना जा रहा था। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ रही कांग्रेस का 'यूपी के लड़कों' का नारा फेल हो गया था और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
PK बोले- जो कर रहा हूं, अब वो नहीं करना चाहता
इस मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि अभी वो जो कर रहे हैं, आगे नहीं करना चाहते हैं। वो ये जगह छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वो अपने जीवन में एक ब्रेक लेना चाहते हैं और कुछ अलग करना चाहते हैं।
एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा था, 'मैं जो कर रहा हूं उसे जारी नहीं रखना चाहता। मैंने पर्याप्त काम कर लिया है। अब मेरे लिए कुछ देर रुकने और जीवन में कुछ अलग करने का वक्त आ गया है। मैं यह जगह छोड़ना चाहता हूं।' राजनेता बनने के सवाल पर उन्होंने खुद को असफल नेता बताया था। रणनीतिकार के तौर पर किशोर का करियर काफी शानदार रहा है। पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान भी उन्होंने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी राज्य में 100 सीटें नहीं जीत पाएगी। उन्होंने तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ भी काम किया था।
PK ने कहा था- विपक्षी मोर्चे को खड़ा करने में मेरा कोई रोल नहीं
- जून में देश का सियासी माहौल तब बहुत तेजी से गरमाया, जब प्रशांत किशोर NCP के प्रमुख शरद पवार से 11 और 21 जून को दो बार मुलाकात करने पहुंचे। तब यह कयास लगने शुरू हुए कि पवार के साथ मिलकर ममता बनर्जी कोई बड़ा खेल करने वाली हैं। वो यूपीए के पैरलल कोई बड़ा मोर्चा खड़ा करना चाहती हैं।
- हालांकि तब खुद प्रशांत किशोर और शरद पवार ने इन अटकलों से किनारा कर लिया था। दोनों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बिना थर्ड फ्रंट का कोई अस्तित्व नहीं है। इसके बाद 22 जून को राष्ट्रमंच की बैठक हुई, जिसकी अगुआई तृणमूल के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने की थी।
- राष्ट्रमंच की बैठक में शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सीपीआई के डी राजा, राइटर जावेद अख्तर भी शामिल हुए थे। बहुजन समाज पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
- बैठक के बाद तीसरे मोर्चे के सवाल पर प्रशांत किशोर ने साफ कह दिया था कि ऐसा कोई तीसरा या चौथा मोर्चा मोदी को टक्कर नहीं दे सकता है। उन्होंने तब कहा था कि 2024 के इलेक्शन के लिए विपक्षी मोर्चे को खड़ा करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।