नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में अपने "प्रिय मित्र" अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहली मुलाकात के लिए 12-13 फरवरी को अमेरिका का दौरा करेंगे। ट्रंप के पदभार ग्रहण करने के पहले महीने के भीतर होने वाली यह यात्रा, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत को टैरिफ की धमकियों और अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने के बीच हो रही है।
यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "पीएम मोदी ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका का दौरा करने वाले पहले कुछ विश्व नेताओं में से होंगे। यह तथ्य कि नए प्रशासन के पदभार ग्रहण करने के बमुश्किल तीन सप्ताह के भीतर ही प्रधानमंत्री को अमेरिका आने का निमंत्रण मिला है, भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और यह अमेरिका में इस साझेदारी को मिलने वाले द्विदलीय समर्थन को भी दर्शाता है।"
ट्रम्प पहले ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात कर चुके हैं और इस सप्ताह वाशिंगटन में जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा से भी उनकी बातचीत होने वाली है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान मधुर संबंध साझा करने वाले दोनों नेताओं ने पिछले सप्ताह फोन पर बातचीत की, जिसे दोनों पक्षों ने "उत्पादक" बताया। व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने आव्रजन, सुरक्षा और व्यापार संबंधों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने ट्रंप को अपना "प्रिय मित्र" बताते हुए कहा कि दोनों नेता "हमारे लोगों के कल्याण" और "वैश्विक शांति की दिशा में" मिलकर काम करेंगे।
सनकी रिपब्लिकन नेता ने पिछले साल पीएम मोदी को "महान नेता" कहा था, लेकिन इससे पहले उन्होंने भारत को "टैरिफ किंग" और व्यापार संबंधों का "बड़ा दुरुपयोग करने वाला" भी बताया था।
ट्रंप का प्रभाव पिछले सप्ताह निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में पहले ही देखा जा चुका है, जिसमें सरकार ने मुख्य रूप से अमेरिका द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं, जैसे कि 1,600 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों (हार्ले-डेविडसन) पर शुल्क घटा दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का एक और मुख्य मुद्दा आव्रजन मुद्दे पर भी होगा, क्योंकि यह अमेरिका द्वारा एक सैन्य विमान से 104 अवैध भारतीयों को निर्वासित किए जाने की पृष्ठभूमि में हो रहा है। इस मुद्दे पर संसद में भारी हंगामा हुआ, जिसमें विपक्ष ने भारतीयों को हथकड़ी और पैरों में जंजीर बांधकर निर्वासित किए जाने के "अमानवीय तरीके" पर सवाल उठाए।
दोनों नेताओं के बीच की दोस्ती ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान देखने को मिली थी, जब उन्होंने ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मेज़बानी की थी। पीएम मोदी ने ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान अहमदाबाद में 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम आयोजित करके इसका जवाब दिया था।