सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान सड़क नियमों की अहमियत पर बात करते हुए एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर उन पर दो बार चालान लगा, और उन्होंने दोनों बार जुर्माना भरा भी। गडकरी ने मुस्कराते हुए कहा, "मैंने खुद यह सी लिंक बनवाया है, और मेरी एक कार मुंबई में है। दो बार मेरा चालान हुआ, और मैंने दोनों बार 500-500 रुपये का जुर्माना भर दिया।" उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कोई भी नियमों से ऊपर नहीं होता — "कैमरा सब कुछ पकड़ लेता है।" गडकरी ने यह भी कहा कि लोग अक्सर ट्रैफिक जुर्मानों की शिकायत करते हैं, लेकिन नियम तोड़ने पर ही ये स्थिति आती है। "जुर्माना किसी की जेब खाली करने या सरकार की कमाई के लिए नहीं होता, बल्कि इसका मकसद लोगों को नियमों के पालन के लिए प्रेरित करना है।"
टोल फ्री की तैयारी में जुटी सरकार – गडकरी ने दिए संकेत
कार्यक्रम के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या सड़कों को टोल-मुक्त किया जा सकता है, तो उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए। गडकरी ने बताया कि सरकार टोल फ्री नीति पर काम कर रही है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं ज्यादा नहीं बता सकता, लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि टोल लगभग 100% कम होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस पर घोषणा आने वाले 8-10 दिनों में की जाएगी।
सड़क हादसों पर नितिन गडकरी की चिंता, बोले – हम अभी भी लक्ष्य से दूर हैं
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई और बताया कि इस दिशा में सरकार ने अब तक क्या-क्या ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, कि हमने 50% तक सड़क हादसे कम करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन दुर्भाग्यवश अभी तक हम इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए हैं। इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि हादसों के पीछे सबसे बड़ा कारण सड़क और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की खामियां हैं। हालांकि आज के वाहन बेहतर और सुरक्षित हैं, लेकिन सड़क इंजीनियरिंग में कई कमियां पाई गईं। गडकरी ने जानकारी दी कि सरकार ने ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के लिए अब तक करीब 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक सराहनीय पहल का जिक्र करते हुए बताया, "हमने 'राहवीर योजना' के तहत दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद करने वालों को 25,000 रुपये का पुरस्कार देने की योजना शुरू की है।" उन्होंने कहा कि सरकार अब इस योजना को और भी व्यापक बनाने पर विचार कर रही है, ताकि दुर्घटना में घायल लोगों के इलाज का खर्च भी सरकार उठा सके। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से विशेष अनुरोध भी किया है। गडकरी ने यह भी बताया कि तकनीकी कारणों के अलावा लोगों का लापरवाह व्यवहार भी हादसों की एक अहम वजह है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग सड़क सुरक्षा के नियमों को न सिर्फ जानें, बल्कि गंभीरता से अपनाएं। सरकार अब फुट ओवरब्रिज बनाने पर भी विचार कर रही है, जो सिर्फ पैदल यात्रियों के लिए ही नहीं बल्कि दोपहिया वाहनों और साइकिल सवारों के लिए भी उपयोगी हो सके।
नियम तोड़ना सिर्फ कानून का नहीं, संस्कारों का भी उल्लंघन है: नितिन गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में सड़क सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर कई अहम बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि आज भी 30,000 से ज्यादा सड़क हादसों की एक बड़ी वजह है – बिना हेलमेट गाड़ी चलाना। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कभी रोड रेज का सामना करना पड़ा है, तो उन्होंने एक निजी अनुभव साझा किया। गडकरी ने बताया कि मैंने नागपुर में एक तालाब बनवाया था। एक बार मैं जब 40-50 लोगों के साथ वहां गया, तो देखा एक व्यक्ति उसी तालाब में पेशाब कर रहा था। यह देख मुझे बहुत गुस्सा आया। उन्होंने इस वाकये को उदाहरण बनाते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन सिर्फ कानून का नहीं बल्कि संस्कारों का सवाल है, और यह सब व्यवहारिक ट्रेनिंग और सामाजिक चेतना से जुड़ा हुआ है। गडकरी का मानना है कि जैसे-जैसे समाज में बदलाव आता है, वैसे-वैसे मानव व्यवहार भी परिवर्तित होता है।
वक्फ बिल से मिलेगी समुदाय को मजबूती
हाल ही में संसद से पारित हुए वक्फ बिल पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय की मदद के लिए लाया गया है। उन्होंने बताया कि देशभर में वक्फ की कई जमीनें हड़प ली गई थीं, और यह कानून अब उस पर नियंत्रण लाने में सहायक होगा। गडकरी ने यह भी कहा कि किसी भी क़दम की आलोचना सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए करना सही नहीं है। जरूरी है कि हम यह समझें कि अगले 25–30 सालों में इसका समाज पर क्या सकारात्मक असर होगा।
औरंगजेब की कब्र को लेकर क्या बोले गडकरी?
इतिहास और भारतीय संस्कृति पर बोलते हुए गडकरी ने औरंगजेब की कब्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बहुत कुछ कहा जा चुका है, कई प्रमुख लोग बयान दे चुके हैं। लेकिन भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी खासियत यही है कि वह सम्मान, सहिष्णुता और मर्यादा सिखाती है। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि शिवाजी ने कल्याण के सूबेदार की बहू की सुंदरता की प्रशंसा जरूर की, लेकिन उन्होंने उसे पूरी मर्यादा और सम्मान के साथ रिहा कर दिया। इसी तरह, औरंगजेब को मारने के बाद भी, शिवाजी ने उसे पूरे सम्मान के साथ दफनाया। गडकरी ने यह भी कहा कि आज के दौर में अराजकता से बचने के लिए हमें संतुलित सोच और सही दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यही हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है।