कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि सरकार पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र इन महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा के लिए नहीं, बल्कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ (25-26 जून) के बहाने बुलाने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस का आरोप – सरकार की प्राथमिकता केवल राजनीतिक हमला
कांग्रेस का कहना है कि जब देश को आतंकवाद और पाकिस्तान की घेराबंदी जैसे मुद्दों पर एकजुट होकर सोचने की जरूरत है, तब केंद्र सरकार की प्राथमिकता सिर्फ कांग्रेस पर राजनीतिक हमला करने तक सीमित है।
विशेष सत्र की पहले ही रखी जा चुकी है मांग
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि पार्टी ने पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि 10 मई को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया था।
रमेश ने बताया कि इस विशेष सत्र का उद्देश्य था कि संसद में पहलगाम हमले पर गंभीर चर्चा हो और इस विषय पर एक साझा प्रस्ताव पारित कर देश की एकजुटता और संकल्प को दर्शाया जाए।
जयराम रमेश ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल
जयराम रमेश ने कहा कि अब जानकारी मिल रही है कि 25-26 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है, जबकि प्रधानमंत्री पिछले 11 वर्षों से देश में एक "अघोषित आपातकाल" चला रहे हैं और महत्वपूर्ण सवालों से लगातार बचते आ रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि पहलगाम के आतंकी अब तक फरार क्यों हैं? क्यों प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ बनने की अनुमति दी? 19 जून 2020 को उन्होंने सार्वजनिक रूप से चीन को क्लीन चिट क्यों दी?
1994 का प्रस्ताव फिर से दोहराने की मांग
कांग्रेस ने एक बार फिर मांग की है कि संसद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर 1994 में पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव को दोहराया जाए। साथ ही, जयराम रमेश ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति हैं, और अब पाकिस्तान-चीन गठजोड़ जैसी नई चुनौतियों के बीच उस प्रस्ताव को अपडेट करना समय की मांग है।