कोटा: जयपुर के हवामहल से विधायक बालमुकुंद आचार्य पर तिरंगे के अपमान का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोटा में उनका रास्ता रोकने की कोशिश की। गुरुवार को बालमुकुंद आचार्य महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम में शामिल होने कोटा आ रहे थे, तभी बड़गांव के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए रास्ता जाम करने की योजना बनाई।
पुलिस को इस विरोध प्रदर्शन की पूर्व सूचना थी, जिसके चलते भारी पुलिस बल पहले से ही मौके पर तैनात कर दिया गया था। जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोकने का प्रयास किया, उन्हें तत्काल हिरासत में ले लिया गया। करीब आधे घंटे बाद बालमुकुंद आचार्य उस मार्ग से सुरक्षित गुज़र गए।
एडिशनल एसपी दिलीप सैनी ने कहा, "कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोककर व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश की थी। समय रहते हमें इसकी सूचना मिल गई थी और पुलिस ने उन्हें मौके से हटाकर हिरासत में ले लिया। अभी तक इस संबंध में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। अगर थाने पर कोई बड़ा घटनाक्रम होता है, जैसे कि अनशन या अन्य विरोध, तो मामला दर्ज किया जा सकता है।"
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस नेता विपिन बरथुनिया और नीरज शर्मा कर रहे थे। जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, तो कांग्रेसी हटने को तैयार नहीं थे। इसी दौरान विपिन बरथुनिया ज़मीन पर लेट गए। पुलिस ने उन्हें खींचकर हिरासत में लिया और वैन में बैठाकर थाने भेजा।
बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नांता थाने पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि पुलिस जबरन उनके खिलाफ केस दर्ज कर रही है। इसके कुछ समय बाद कांग्रेस के ज़िलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी भी थाने पहुंचे और पुलिस व कार्यकर्ताओं के बीच हुई घटना पर चर्चा की।